कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गोवंश की दुर्दशा को लेकर सीएम योगी को लिखा पत्र

टीम भारतदीप |

प्रियंका गांधी ने गोवंश की दुर्दशा पर चिंता जाहिर की है।
प्रियंका गांधी ने गोवंश की दुर्दशा पर चिंता जाहिर की है।

अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र लिखकर गोवंश की दुर्दशा पर अपनी चिंता जाहिर की है।

लखनऊ। अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र लिखकर गोवंश की दुर्दशा पर अपनी चिंता जाहिर की है।

बता दें कि प्रियंका गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि ललितपुर के सौजना से आई गौमाता के शवों की तस्वीरों को देखकर मन विचलित हो गया है। उन्होंने कहा कि अभी ये विवरण नहीं मिले हैं कि इन गायों की मौत किन परिस्थितियों में हुई है, लेकिन तस्वीरों से लग रहा है कि इनकी मौत चारा-पानी न मिलने की वजह से ही हुई है।

प्रियंका गांधी का कहना है कि तस्वीरों को देखकर लगता है कि ये कई दिनों की भूख और प्यास से धीरे-धीरे हुई पीड़ादायक मौतें हैं। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में प्रियंका गांधी ने कहा है कि दुःखद यह भी है कि यह इस तरह की पहली तस्वीर नहीं है।

उनका कहना है कि इससे पहले भी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी तस्वीरें मिलती रही हैं। हर बार इन पर कुछ देर के लिए चर्चा होती है लेकिन इन मासूम जानवरों की देखभाल के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। उन्होंने कहा कि ऐसे में सवाल उठता है कि इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है?

मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया है कि सत्ता में आने के समय मुख्यमंत्री ने गौवंश की रक्षा और गौशालाएँ बनवाने की बात की थी। लेकिन वास्तविकता यही है कि इस संदर्भ में मुख्यमंत्री की घोषणाओं के बावजूद उनकी सरकार के प्रयास पूरी तरह से विफल रहे हैं।

उनका कहना है कि गायों की भलाई के नाम पर गौवंश की दुर्दशा की जा रही है। उन्होंने कहा कि गौशालाएं खोली गईं मगर सच यह है कि वहां गौवंश को चारा और पानी नहीं सिर्फ असंवेदनशीलता मिलती है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भ्रष्ट अफसर व गौशाला संचालक पूर्णतः भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। पूरे प्रदेश में हर दिन न जाने कितनी गायों भूखी प्यासी मर रही हैं।

प्रियंका गांधी ने पत्र में कहा है कि जहां गौशालाएँ इस परिस्थिति में हैं, वहाँ आवारा पशु की भी भयंकर समस्या बनी पड़ी है। उनका कहना है कि किसान पूरी तरह से हलकान हैं और वे रात-रात भर जागकर अपनी फसलों की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फसलों की रक्षा के लिए किसानों को हजारों-लाखों खर्च कर खेतों की तारबंदी करवानी पड़ रही है।


संबंधित खबरें