हाथरस मामलाः संभल में दलित संगठनों का देश भर के दलित सांसदों की चुप्पी पर फूटा गुस्सा

टीम भारत दीप |

सैकड़ो की संख्या में दलित समाज के संगठनों ने आवाज उठाई।
सैकड़ो की संख्या में दलित समाज के संगठनों ने आवाज उठाई।

लोग उन सभी सांसदों से नाराज हैं जिन्होंने हाथरस की पीड़िता के परिजनों और मृतका को न्याय दिलाने के लिए आवाज तक नहीं उठा रहे हैं।

संभल। हाथरस के कथित गैंगरेप मामले में एक ओर जहां लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा वहीं अब इसे राजनीतिक रंग देने की पूरी कोशिश की जा रही है। ऐसे में अब जनप्रतिनिधियों पर इसका ठीकरा फोड़ा जा रहा है।  

संभल के चन्दौसी में हाथरस के कथित गैंगरेप मामले में दलित संगठनों का सांसदों पर गुस्सा फूटा है। यहां देश में चुने गए 131 सुरक्षित सीटों के सांसदों की प्रतीकात्मक अर्थी निकाली गई। सैकड़ो की संख्या में दलित समाज के संगठनों ने आवाज उठाई।  

ये लोग उन सभी सांसदों से नाराज हैं जिन्होंने हाथरस की पीड़िता के परिजनों और मृतका को न्याय दिलाने के लिए आवाज तक नहीं उठा रहे हैं। आरोप है कि देश की 131 सुरक्षित सीटों पर बैठे सभी दलित सांसद मौजूदा सरकार की वजह से चुप हैं। 

दलित समाज के लोगों का कहना है कि ये देश में 131 लोग इसलिए आज सांसद बने हुए बैठे हैं क्योंकि वो दलित हैं। यह प्रतीकात्मक शव यात्रा संभल के चंदौसी खुर्जा गेट डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पार्क से निकलकर पूरे शहर में घूमते हुए चन्दौसी के स्टेशन रोड आजाद भगत सिंह की प्रतिमा पर खत्म हुई।

आजाद भगत सिंह की प्रतिमा के सामने दलित संगठनों ने देश की संसद में बैठे 131 दलित सांसदों की अर्थी को आग के हवाले करने ही जा रहे थे कि वहां मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस ने सारा सामान अपने कब्जे मे लेकर पुलिस जीप में रख लिया। 

मौके पर दलित संगठनों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा। हाथरस की पीड़िता और बलरामपुर की रेप पीड़िता के हत्यारों को फांसी की मांग करते हुए यहां जमकर  नारेबाजी भी की गई।


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