सबसे बड़ी हड़ताल की तैयारी में बैंकर्स, शनिवार से सोशल मीडिया पर छिड़ गई मुहिम

टीम भारत दीप |

बैंकों की यूनियन निजीकरण के फैसले के खिलाफ एक साथ नजर आ रही हैं।
बैंकों की यूनियन निजीकरण के फैसले के खिलाफ एक साथ नजर आ रही हैं।

शनिवार और रविवार को बैंकों में अवकाश होने और दो दिन हड़ताल के कारण बैंकों में काम न होने से जनता को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि बैंककर्मियों का कहना है कि इस बार की ये लड़ाई उनकी खुद की नहीं बल्कि जनता के लिए ही है।

बैंकिंग डेस्क। केंद्रीय बजट में सरकारी बैंको में विनिवेश की घोषणा के बाद से देशभर में पब्लिक सेक्टर बैंक के कर्मचारी बीते एक माह से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। अब सोमवार और मंगलवार को बैंक यूनियनों के देशव्यापी हड़ताल के आह्वान पर बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहने वाले हैं। 

शनिवार और रविवार को बैंकों में अवकाश होने और दो दिन हड़ताल के कारण बैंकों में काम न होने से जनता को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि बैंककर्मियों का कहना है कि इस बार की ये लड़ाई उनकी खुद की नहीं बल्कि जनता के लिए ही है। 

यूनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बीती 19 फरवरी से विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। इस बार सबसे ज्यादा विरोध सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं बीते एक महीने से बैंक परिसरों में भी ‘मैं निजीकरण के खिलाफ हूं‘ जैसे पोस्टर कर्मचारियों की डेस्क पर देखे गए। 

अब सोमवार और मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल का दिन आ गया है। यह सरकार के पब्लिक सेक्टर बैंकों को निजीकरण की ओर धकलने के फैसले के खिलाफ सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन साबित हो सकता है। 

वित्तमंत्री की घोषणा से असंतोष
अपने बजट भाषण में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आईडीबीआई के अलावा दो अन्य पब्लिक सेक्टर बैंकों में विनिवेश की घोषणा की थी। वित्तमंत्री ने उन दो बैंकों के नाम नहीं लिए लेकिन मीडिया में कई बैंकों के नामों की चर्चा जारी हो गई। इससे सभी बैंककर्मियों में असंतोष फैल गया और उन्होंने लंबी लड़ाई का मन बना लिया। 

सभी यूनियन का मिला साथ
अब तक विभिन्न मुद्दों पर अलग-थलग पड़ने वाली बैंकों की यूनियन निजीकरण के फैसले के खिलाफ एक साथ नजर आ रही हैं। यूनाइटेड फोरम के इस आह्वान का वी बैंकर्स ने भी समर्थन किया है। इसके अलावा एआईबीओसी, यूनाइटेड फोरम आॅफ आरआरबी व अन्य भी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। 

हालांकि बैंककर्मियों में इस बात को लेकर रोष है कि हड़ताल के दिन उनके वेतन की कटौती के खिलाफ यूनियन क्यों खड़ी नहीं हो पाती हैं। उनका कहना है कि अन्य सरकारी विभागों में हड़ताल के बावजूद किसी कर्मी का वेतन नहीं कटता लेकिन बैंकर्स हड़ताल पर जाते हैं तो उनके वेतन की आहुति पहले हो जाती है। 

शनिवार से सोशल मीडिया पर शुरूआत 


शनिवार को बैंककर्मियों का अवकाश होने के कारण दो दिन पहले से सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को चर्चित बनाने की पूरी तैयारी चल रही है। बैंककर्मी #Stopsellingindia, #PSBsNot4sale, #Bankers_on_strike जैसै हैशटैग के साथ अपनी बातों को प्रमुखता से रख रहे हैं। मीम के जरिए भी सरकार पर हमले जारी हैं। 


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