पुष्कर सिंह धामी ने ली उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ, इन नेताओं को बनाया मंत्री
राज्यपाल पोडियम पर पहुंचीं और उन्होंने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई। यहां सीएम पुष्कर सिंह धामी के समर्थकों ने जमकर नारे लगाए। पुष्कर सिंह धामी को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 11 मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
देहरादून। उत्तराखंड में चल रही सियासी हलचल के बीच रविवार को पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। इसी के साथ ही 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री भी बन गए हैं। जानकारी के मुताबिक राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में पुष्कर सिंह धामी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज, मदन कौशिक समेत भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बताया गया कि 5 बजकर 14 मिनट पर शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने की घोषणा हुई। जिसके तुरंत बाद राज्यपाल पोडियम पर पहुंचीं और उन्होंने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
इस दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई। यहां सीएम पुष्कर सिंह धामी के समर्थकों ने जमकर नारे लगाए। पुष्कर सिंह धामी को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 11 मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। गौरतलब है कि मंत्री के रूप में शपथ लेने वालों में सबसे पहला नाम सतपाल सिंह महाराज का रहा।
इसके बाद पौड़ी से विधायक हरक सिंह रावत और फिर विधायक वंशीधर भगत सिंह को शपथ दिलाई गई। बताते चलें कि वंशीधर भगत पांच बार मंत्री रह चुके हैं और वह छठवीं बार फिर मंत्री बने हैं। इसके अतिरिक्त यशपाल आर्य को शपथ दिलाई गई। यशपाल आर्य भी पिछली सरकार में परिवहन मंत्री थे।
वहीं डिडिहार से विधायक बिशन सिंह को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। साथ ही सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, मसूरी से लगातार दूसरी बाद विधायक गणेश जोशी, धनसिंह रावत, रेखा आर्या, यतीश्वरानंद को भी राज्यपाल ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। बताया जा रहा है कि पुष्कर सिंह धामी शनिवार को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले थे।
मगर उनके नाम की घोषणा होने से उत्तराखंड भाजपा के कई नेता असहमत थे। इसी के चलते शपथग्रहण समारोह को स्थगित कर रविवार को करना पड़ा। चर्चा यह भी रही कि पुष्कर सिंह धामी आज भी अपना ज्यादातर समय असंतुष्टों को मनाने में लगे रहे।