भारतीय वायुसीमा में राफेल की एंट्री, अब ख़ैर मनाए दुश्मन कंट्री

टीम भारत दीप |
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पांच राफेल विमान को दो सुखोई एम30 गार्ड करते हुए लाए।
पांच राफेल विमान को दो सुखोई एम30 गार्ड करते हुए लाए।

तकनीक में उन्नत यह विमान हवाई निगरानी, ग्राउंड सपोर्ट, इन डेप्थ स्ट्राइक, एंटी-शर्प स्ट्राइक और परमाणु अभियानों को अंजाम देने में दक्ष है। इसमें मल्टी मोड रडार लगे हैं।

नई दिल्ली। भारत की ताकत को कई गुना बढ़ाने वाले राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप ने भारतीय वायुसीमा में बुधवार को प्रवेश कर लिया है। कंट्रोल रूम ने उन्हें ऑल द बेस्ट कहा। थोड़ी देर में विमान अंबाला एयरबेस पहुंच जाएंगे। जहां राफेल के आगमन को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इन्हें रिसीव करने के लिए खुद वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे। 

राफेल युद्ध के समय अहम भूमिका निभाने में सक्षम है। हवाई हमला, जमीनी समर्थन, वायु वर्चस्व, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारी राफेल विमान की खूबियां हैं। तकनीक में उन्नत यह विमान हवाई निगरानी, ग्राउंड सपोर्ट, इन डेप्थ स्ट्राइक, एंटी-शर्प स्ट्राइक और परमाणु अभियानों को अंजाम देने में दक्ष है। इसमें मल्टी मोड रडार लगे हैं।
 
राफेल एक मिनट में करीब 60 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इससे भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण को गति मिलेगी। अभी तक भारतीय वायुसेना का मिग विमान अचूक निशाने के लिए जाना जाता था, लेकिन राफेल का निशाना इससे भी ज्यादा सटीक होगा। राफेल विमान फ्रांस की कंपनी द्वारा बनाया गया दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है।



राफेल में रडार पर एक टन का कैमरा लगा है। यही सुविधा इसे तमाम लड़ाकू विमानों से पूरी तरह से अलग करती है। एक टन के कैमरे से इसका निशाना अचूक होगा। कैमरा इतना सेंसिटिव (संवेदनशील) है कि जमीन पर छोटी से छोटी चीज को भी इससे देखा जा सकेगा। साधारण शब्दों में यदि कहा जाए तो इससे मछली की आंख यानि पिन प्वाइंट पर आसानी से निशाना लगाया जा सकेगा।

3700 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखने वाले फाइटर जेट राफेल के भारत आने से न केवल एयर डिफेंस को मजबूती मिलेगी, बल्कि विजिलेंस भी मजबूत हो जाएगा। परमाणु हथियार समेत तमाम मारक हथियारों को इसके माध्यम से लॉन्च किया जा सकेगा।


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