राजस्थान: ​जमीन नीलामी के मामले में एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज, तहसीलदार और बैंक मैनेजर को भी दोषी बताया

टीम भारत दीप |

बैंक अधिकारी रामस्वरूप मीणा ने भी आरोपों को बेबुनियाद तथा तथ्य हिन करार दिया है।
बैंक अधिकारी रामस्वरूप मीणा ने भी आरोपों को बेबुनियाद तथा तथ्य हिन करार दिया है।

मालूम हो कि रामगढ़ पचवारा निवासी कजोड़मल मीना पुत्र सालगराम मीणा ने अपनी कृषि भूमि खसरा संख्या रकबा 15 बीघा 2 बिस्वा ग्राम रामगढ़ पचवारा भूमि पर आरएमजीबी बैंक से केसीसी लोन लिया था, जिसका बकाया ऋण 387000 है।

दौसा। राजस्थान के दौसा ​जिले के लालसाट में पिछले दिनों हुई किसान की जमीन की नीलामी के बाद​ किसान की मौत का मामला काफी गर्माया था, इसके बाद सीएम ने नीलामी पर रोक लगाई है। इस मामले में किसान नेता रवि सोनड ने दौसा के रामगढ़़ पचवारा पुलिस थाने में एसडीएम, बैंक अधिकारी और तहसीलदार के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है।

रामगढ़ पचवारा के थाना अधिकारी सुभाष शर्मा ने बताया कि रवि सोनड ने अपने परिवाद में कहा है कि भूमाफिया का एक गिरोह है जो प्रशासनिक अधिकारियों और बैंक अधिकारियों की सांठ-गांठ कर गरीब किसानों की कृषि जमीन के ऋण अदायगी के बहाने अपने आदमियों को सामने करके बोली लगाकर आने पौने दामों पर जमीन नीलाम कर देते है। 

आरएमजीबी बैंक से किसान ने किया था लोन

मालूम हो कि रामगढ़ पचवारा निवासी कजोड़मल मीना पुत्र सालगराम मीणा ने अपनी कृषि भूमि खसरा संख्या रकबा 15 बीघा 2 बिस्वा ग्राम रामगढ़ पचवारा भूमि पर आरएमजीबी बैंक से केसीसी लोन लिया था, जिसका बकाया ऋण 387000 है। लोन लेने वाले कजोडमल मीणा की मृत्यु 28-10-21 को सदमे से हो जाती है

बैंक मैनेजर, एसडीएम रामगढ़ पचवारा, तहसीलदार द्वारा मृतक व्यक्ति के नाम दिखावटी नोटिस जारी करने की झूठी औपचारिकता के बाद बोली दाता कृष्ण कुमार पुत्र बाबूलाल शर्मा की अंतिम बोली मानकर नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर दी गई। जबकि उक्त ऋण को एक बीघा से बराबर किया जा सकता था

लेकिन भुमाफिया को फायदा पहुंचाने की नीयत से उपखण्ड अधिकारी रामगढ़ पचवारा, तहसीलदार रामगढ़ पचवारा द्वारा ऋण लेने वाले परिवार की पूरी जमीन नीलाम कर दी गई। इस मामले में झूठे दस्तावेजों की रचना, मिथ्या साक्ष्यों की सम्पूर्ण कार्यवाही उपखण्ड अधिकारी रामगढ़ पचवारा तहसीलदार रामगढ़ पंचवारा शाखा प्रबंधक रामगढ़ पचवारा आर एम जी बी ने रचना कर उनको सच्चे रूप में काम लेने, मिथ्या कथन की घोषणा,

घोषणा को सत्य के रूप में काम लेने और मृतक के बच्चों के होने के बाद भी सूचना नहीं देने के आशय से साक्ष्य छिपाना, मिथ्या सूचना देने और लोक सेवक होते हुए नीलामी के षडयंत्रपुर्वक भागीदार रहना जैसे गंभीर अपराध किए गए का आरोप लगाए गए है। 

एसडीएम ने आरोप को नकारा

रामगढ़ प्रशासन और आरएमजीबी बैंक शाखा रामगढ़़पचवारा द्वारा क्षेत्र के किसानों के शोषण के मामले इससे पहले भी सामने आए हैं, जिसकी जांच की मांग की गई है। थाना अधिकारी सुभाष चंद शर्मा ने बताया कि उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और बैंक अधिकारी के खिलाफ परिवाद दर्ज कर लिया है तथा जांच की जा रही है।

इधर दूसरी तरफ उपखंड अधिकारी मिथिलेश मीणा ने लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद तथा तथ्य हिन करार दिया है। उन्होंने कहा है कि रोड़ा एक्ट के तहत वसूली के जो नियम और प्रावधान है. उनकी सभी की पालना की गई है तथा तहसील कार्यालय में नीलामी की प्रक्रिया की गई है।

अंतिम निर्णय लेने से पूर्व उपखंड अधिकारी कार्यालय ने डीएलसी दर से कम दर पर नीलामी पाए जाने पर नीलामी को निरस्त कर दिया गया हैं। कहीं भी कोई नियम विरुद्ध काम नहीं किया गया है। इसी तरह तहसीलदार सुधारानी मीणा और बैंक अधिकारी रामस्वरूप मीणा ने भी आरोपों को बेबुनियाद तथा तथ्य हिन करार दिया है, उन्होंने कहा कि नियम संगत ही नीलामी प्रक्रिया की गई थी।

सासंद ने उठाया था मामला

आपकों बतादें कि रामगढ़ पचवारा की जामुन वाली ढाणी निवासी किसान कजोड़ मीणा की 15 बीघा 2 बिस्वा जमीन केसीसी लोन के कर्ज के चलते 18 जनवरी को नीलाम की गई थी. जिस पर दौसा से लेकर जयपुर तक काफी हंगामा हुआ था

नीलामी का सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने विरोध किया था और पीड़ित परिवार के साथ सीएम हाउस के बहार धरना दिया था, जिसके बाद नीलामी प्रक्रिया को सरकार ने निरस्त करने के आदेश दिए थे।

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