10वीं बोर्ड को लेकर खाई थी ये कसम, 85 की उम्र में लाॅकडाउन ने नैय्या लगाई पार
कोरोना महामारी के कारण जब सरकार ने बिना एग्जाम ही सभी को प्रमोट करने का निर्णय लिया तो उसी से इनका भी खाता खुल गया।
सोशल मीडिया डेस्क। बाॅलीवुड की एक फिल्म है- मांझी द माउंटेन मैन। इसमें दशरथ मांझी का किरदार निभाने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी डायलाॅग कहते हैं कि जब तक तोड़ेंगे नहीं, जब तक छोड़ेंगे नहीं।
ऐसी ही कसम राजस्थान में एक व्यक्ति ने 10वीं के एग्जाम को लेकर खा ली। लेकिन उनकी कसम में कुछ ऐसा था कि जब तक 10वीं का बोर्ड तोड़ेंगे नहीं किसी से शादी का रिश्ता जोड़ेंगे नहीं। अब कसम तो कसम है ले ली तो ले ली। ये किसी राजनीतिक पार्टी का ईमान थोड़े ही है जो चुनाव परिणाम के बाद डोल जाए।
अपनी कसम को निभाने में वह 85 की उम्र पार कर वरिष्ठ नागरिक हो गए लेकिन 10वीं का बोर्ड नहीं हिला। बोर्ड नहीं हिला तो अपनी बात के पक्के बाबा जी ने शादी भी नहीं। दोस्तों के बच्चे और उनके भी बच्चे हो गए, भाभियां तंज मारकर थक गईं लेकिन बाबू जी बात के पक्के रहे।
अब लाॅकडाउन में जाकर उनकी किस्मत ने पलटा मारा है। हुआ ये कि कोरोना महामारी के कारण जब सरकार ने बिना एग्जाम ही सभी को प्रमोट करने का निर्णय लिया तो उसी से इनका भी खाता खुल गया।
सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अवनीश सरन ने बताया कि इनका नाम शिवचरन यादव है। ये अलवर राजस्थान के रहने वाले हैं और 85 की उम्र तक 48 बार 10वीं का एग्जाम दे चुके हैं। इस बार कोरोना की वजह से राजस्थान बोर्ड ने शिवचरणजी को पास कर दिया है।
अब इस उम्र में एक कसम तो पूरी हो गई, अब आगे आगे देखते हैं, होता है क्या? खैर, जो भी हो भारत दीप शिवचरण यादव जी के जज्बे को सलाम करता है। शादी की बात तो अलग है लेकिन, पढ़ाई को लेकर ऐसा जुनून विरलों में ही देखने को मिलता है।