राम मंदिर के बारे में उड़ी ये खबर देखते ही देखते बन गई अफवाह

टीम भारत दीप |

टाइम कैप्सूल के पहली बार प्रयोग को लेकर एक राय नहीं है।
टाइम कैप्सूल के पहली बार प्रयोग को लेकर एक राय नहीं है।

ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि भविष्य में राम मंदिर को लेकर कोई विवाद की स्थिति न पैदा हो। चंूकि यह बात एक जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा कही गई, ऐसे में देशभर की मीडिया में ये खबर सुर्खियांे में छा गई।

अयोध्या। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर की नींव 5 अगस्त को रखेंगे। इसे लेकर भारत भर में उत्साह है। इसी उत्साह के बीच लोग मंदिर को लेकर नई-नई बातें करने में मशगूल हैं। ऐसे में कई बातें जो अद्भुत लगती हैं, असल में अफवाह साबित हो रही हैं। 
 
ऐसी ही एक अफवाह राम मंदिर की नींव में टाइम कैप्सूल को लेकर है। दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य कामेश्वर चैपाल ने मीडिया के सामने कहा कि राम मंदिर की नींव में एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा, जिसमें मंदिर के बारे में ऐतिहासिक तथ्य और दस्तावेज होंगे। 

उनका कहना था कि ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि भविष्य में राम मंदिर को लेकर कोई विवाद की स्थिति न पैदा हो। चंूकि यह बात एक जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा कही गई, ऐसे में देशभर की मीडिया में ये खबर सुर्खियांे में छा गई। 

इसके एक-दो दिन बाद ही न्यास के सचिव चंपत राय ने टाइम कैप्सूल की खबरों को अफवाह बताया। उन्होंने कहा कि न्यास की ऐसी कोई योजना नहीं है। आगे से मीडिया न्यास की आधिकारिक प्रेस रिलीज को ही खबर माने।

क्या है टाइम कैप्सूल
टाइम कैप्सूल एक विशेष प्रकार का धातु का बाॅक्स होता है, जिसे ऐसी धातुओं से बनाया जाता है जिन पर आसानी से जंग नहीं लगती और वे लंबे समय तक जमीन में दबी रहती हैं। कैप्सूल की कार्बन डेटिंग से इसकी लगाने के समय का पता चल जाता है। 

दुनिया भर में टाइम कैप्सूल के पहली बार प्रयोग को लेकर एक राय नहीं है। हालांकि कई ऐतिहासिक इमारतों में इसका प्रयोग किया जा चुका है। 


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