रामनवमी विशेष:अयोध्या में भव्य कार्यक्रम तो मध्यप्रदेश में जलेंगे 11 लाख दीप, लगेगी श्रद्धालुओं की कतार

टीम भारत दीप |

श्रीराम लला विराजमान मंदिर से दूरदर्शन का लाइव प्रसारण किया जा रहा है।
श्रीराम लला विराजमान मंदिर से दूरदर्शन का लाइव प्रसारण किया जा रहा है।

एमपी के निवाड़ी जिले में स्थित श्रीराजा राम सरकार के धाम कार्यक्रम होगा यहां पांच लाख दीप जलाकर भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसी के साथ ही चित्रकूट में जनभागीदारी से साढ़े पांच लाख दीप जलाने का निर्णय लिया गया है।

धर्म डेस्क। भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में धार्मिक कार्यक्रम तो होंगे ही, साथ ही पूरे देश के मंदिरों में भव्य कार्यक्रम होंगे।

सबसे बड़ा कार्यक्रम एमपी के निवाड़ी जिले में स्थित श्रीराजा राम सरकार के धाम कार्यक्रम होगा यहां पांच लाख दीप जलाकर भगवान का  जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसी के साथ ही चित्रकूट में जनभागीदारी से साढ़े पांच लाख दीप जलाने का निर्णय लिया गया है।इसकी तैयारी पूरी कर ली गई हे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रामनवमी के अवसर पर आयोजित हो रहे दीपोत्सव कार्यक्रम में श्री रामराजा के दरबार में उपस्थित होकर प्रभु की आरती करेंगे। 

अयोध्या से होगा सजीव प्रसारण

रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में भव्य कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर प्रभु के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे है।रामनवमी पर भगवान के दर्शन कराने के लिए राज्य सरकार ने विशेष प्रबंध किए है।

पहली बार श्रीराम लला मंदिर का तथा कनक भवन मंदिर में श्रीराम जन्मोत्सव कार्यक्रम को सजीव प्रसारण हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अयोध्या में प्रथम बार श्रीराम लला विराजमान मंदिर से दूरदर्शन का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। राज्य सरकार के निर्देश पर प्रथम बार श्रीराम लला मंदिर का तथा कनक भवन मंदिर में श्रीराम जन्मोत्सव कार्यक्रम को 25वीं बार सजीव प्रसारण हो रहा है।

ओरछा में जलेंगे साढ़े पांच लाख दीप

राजाराम की नगरी ओरछा में इस बार रामनवमी के अवसर पर पांच लाख दीप जलाकर भव्य तरीके से प्रभु का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसी प्रकार चित्रकूट में भी साढ़े पांच लाख दीप जलाकर भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस तरह एमपी में प्रभु के जन्मोत्सव पर 11 लाख दीप जलाए जाएंगे।

चित्रकूट का धार्मिक महत्व

मंदाकिनी नदी के किनारे बसा चित्रकूट हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। यहां भगवान राम ने देवी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के साढ़े ग्यारह साल बिताए थे। श्रीराम और भरत का मिलाप भी यहीं हुआ था। कामदगिरी पर्वत, सीतापुर, हनुमानधारा, कामतानाथ मंदिर यहां के प्रमुख स्थलों में शामिल हैं। कर्वी, सीतापुर, कामता, खोही और नया गांव के आस-पास का वनक्षेत्र चित्रकूट के नाम से विख्यात है।

ओरछा भगवान श्रीराम का दूसरा घर

मध्य प्रदेश की अयोध्या यानि ओरछा एक ऐसी जगह है, जहां भगवान राम के निवास की बात कही जाती है। इसे प्रभु का दूसरा घर भी कहा जाता है। ओरछा देश का एकमात्र ऐसा स्थल है जहां भगवान राम की राजा राम के रूप में पूजा की जाती है।

निवाड़ी जिले में स्थित बेतवा नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक शहर ओरछा की स्थापना 16 वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत प्रमुख रुद्र प्रताप ने की थी। ओरछा और अयोध्या का संबंध करीब 600 साल पुराना है। ओरछा के संबंध में कहा जाता है कि संवत 1631 में चैत्र शुक्ल नवमी को महारानी कुंवरि की जिद पर जब भगवान राम ओरछा आए

भगवान श्रीराम ने   संत समाज को यह आश्वासन भी दिया था कि उनकी राजधानी दोनों नगरों में रहेगी। उस समय यह बुन्देलखण्ड की 'अयोध्या' बन गया। आज दुनियाभर के भक्त ओरछा में राजा राम के रूप में भगवान राम की पूजा करते हैं। इसी कारण इस मंदिर में राम की पूजा भगवान के रूप में नहीं बल्कि, राजा के रूप में होती है। 

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