RBI लाएगा अपनी Digital Currency जानिए इसके फायदे और कैसे कर पाएंगे उपयोग
इस विषय में RBI का कहना है कि अपनी डिजिटल करेंसी होने से भविष्य में नोट छपाई की लागत भी घटेगी और क्रिप्टो जैसी वर्चुअल करेंसी से अर्थव्यवस्था को खतरा भी नहीं रहेगा। यही वजह है कि भारत के अलावा अमेरिका और चीन जैसे देश के सेंट्रल बैंक भी अपनी डिजिटल करेंसी लाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
नई दिल्ली। विश्व में बढ़ रहे डिजिटल करेंसी के प्रचलन को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जिस डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी चल रही है, इसकी शुरुआत छोटे मूल्य के लेनदेन से होगी।
सूत्रों से मिली जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार छोटे-बड़े सभी प्रकार के ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल करेंसी की इजाजत देने पर Economy में रुपये के स्टॉक में बढ़ोतरी की आशंका रहेगी। शुरुआत में इस डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल की कोई अनिवार्यता नहीं होगी। डिजिटल करेंसी लांच होने से बाद ग्राहक बैंक में जमा अपनी रकम को डिजिटल वालेट में रख सकेंगे। हाल ही में RBI के डिप्टी गवर्नर ने अपनी डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी।
इस विषय में RBI का कहना है कि अपनी डिजिटल करेंसी होने से भविष्य में नोट छपाई की लागत भी घटेगी और क्रिप्टो जैसी वर्चुअल करेंसी से अर्थव्यवस्था को खतरा भी नहीं रहेगा। यही वजह है कि भारत के अलावा अमेरिका और चीन जैसे देश के सेंट्रल बैंक भी अपनी डिजिटल करेंसी लाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। डिजिटल करेंसी का एक फायदा यह भी है कि RBI इस पर आसानी से नजर रख सकता है।
ऐसी होगी डिजिटल करेंसी
सूत्रों के मुताबिक डिजिटल करेंसी भी पर्स या वालेट में रखे जाने वाले नोट की तरह होगी। अंतर इतना होगा कि वह डिजिटल वालेट में होगी। अभी क्रिप्टो जैसी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी प्रचलन में हैं, लेकिन उसकी कोई सरकारी गारंटी नहीं होती है।
उनके मूल्य में लगातार बनी अस्थिरता Economy के लिए भी खतरनाक हो सकती है। लेकिन RBI की तरफ से जारी डिजिटल करेंसी की पूरी जिम्मेदारी RBI की होगी। ऐसा नहीं है कि डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद कागज के नोट हटा दिए जाएंगे।
ग्राहक बैंकों में नोट जमा और निकासी कर सकेंगे और अपनी राशि को जरूरत के मुताबिक डिजिटल करेंसी में भी बदल सकेंगे। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक बैंकों में जमा राशि डिजिटल रूप में लेने के बाद जमाकर्ता को उस पर ब्याज नहीं मिलेगा।
सरकार को यह फायदा
बैंकिंग विशेषज्ञों के मुताबिक डिजिटल करेंसी जारी करने में RBI को नोट के मुकाबले बहुत कम लागत आएगी। नोटों की छपाई और वितरण का खर्च घटेगा और जाली नोटों की समस्या से मुक्ति मिलेगी। इसे जारी करने के बाद इसके इलेक्ट्रानिक वितरण में भी कोई खर्च नहीं होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि RBI की डिजिटल करेंसी लेने के बाद छिपाई नहीं जा सकती है।
यह होती है डिजिटल करेंसी
एक क्रिप्टोक्यूरेंसी, क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो एक डिजिटल संपत्ति है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड को एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में मौजूदा बहीखाता के रूप में संग्रहित किया जाता है, जो क्रिप्टोकरेंसी के रूप में मजबूत
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