रियल एस्टेट के 1.34 लाख करोड़ के कर्ज पर जोखिम, बैंकों को वसूलने करनी पड़ेगी मशक्कत
संपत्ति सलाहकार एनारॉक कैपिटल ने एक रिपोर्ट में कहा कि बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (एनबीएफसी) और आवास वित्त संस्थाओं (एचएफसी) की ओर से रियल्टी क्षेत्र को दिए गए कुल कर्ज में 15 प्रतिशत यानी 15 अरब डॉलर (1.11 लाख करोड़ रुपये) के कर्ज पर थोड़ा दबाव है, लेकिन मूल रकम के वापस मिलने की गुंजाइश है।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से देश के सभी क्षेत्रों को भारी नुसकसान हुआ था। सबसे ज्यादा प्रभाव रियल एस्टेट को हुआ था। ऐसे में महामारी के प्रभाव से उबर रहे रियल एस्टेट क्षेत्र को दिए गए 100 अरब डॉलर के कर्ज में 67 फीसदी यानी 67 अरब डॉलर (करीब 4.98 लाख करोड़ रुपये) के ऋण पर कोई संकट नहीं है।
कुल कर्ज का करीब 75 प्रतिशत हिस्सा (73 अरब डॉलर से ज्यादा) ए-श्रेणी के डेवलपर्स के पास है, जो पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि, 18 प्रतिशत यानी 18 अरब डॉलर (1.34 लाख करोड़ रुपये) के कर्ज पर गंभीर जोखिम बना है।
संपत्ति सलाहकार एनारॉक कैपिटल ने एक रिपोर्ट में कहा कि बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (एनबीएफसी) और आवास वित्त संस्थाओं (एचएफसी) की ओर से रियल्टी क्षेत्र को दिए गए कुल कर्ज में 15 प्रतिशत यानी 15 अरब डॉलर (1.11 लाख करोड़ रुपये) के कर्ज पर थोड़ा दबाव है, लेकिन मूल रकम के वापस मिलने की गुंजाइश है। एनारॉक कैपिटल के एमडी एवं सीईओ शोभित अग्रवाल ने कहा कि आवासीय सेगमेंट का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
अग्रवाल ने कहा कि 2019 अंत तक क्षेत्र को दिए गए कुल 93 अरब डॉलर के कर्ज में कम-से-कम 16 फीसदी पर गंभीर जोखिम था। पिछले एक वर्ष में महामारी के गंभीर प्रभावों के बावजूद कुल 100 अरब डॉलर के कर्ज में महज 18 फीसदी ही इस श्रेणी में आता है। इस तरह देखें तो कर्ज पर जोखिम के लिहाज से रियल एस्टेट दूरसंचार और इस्पात जैसे अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कहीं बेहतर स्थिति है। इस तरह रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े लोगों पर बैंकों का भरोसा बरकरार है।
गंभीर जोखिम वाला कर्ज 50 से ज्यादा डेवलपर्स में फैला हुआ है। वहीं, दूरसंचार और इस्पात उद्योग में किसी एक कंपनी की ओर से नहीं चुकाया गया कर्ज रियल्टी क्षेत्र के जोखिम वाले कुल ऋण के बराबर है। अग्रवाल ने कहा, रियल एस्टेट क्षेत्र में कर्ज अगर एनपीए हो जाता है तो कर्जदाताओं के पास अपने पैसे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वसूलने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व अधिकार है।
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