कांग्रेस में बगावत: टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस नेता ने छोड़ी पार्टी, बोले-लाठी हमने खाई और टिकट दूसरे को दिया

टीम भारत दीप |

आरोप लगाया कि जिसे टिकट दिया गया वह समाजवादी पार्टी से जुड़ा था।
आरोप लगाया कि जिसे टिकट दिया गया वह समाजवादी पार्टी से जुड़ा था।

गुरुवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता के दौरान गीता भारती ने कहा कि वह 16-17 वर्ष से कांग्रेस से जुड़ी हैं। संघर्ष का किस्सा सुनाते हुए बताया कि कई बार पार्टी के लिए पुलिस की लाठियां भी खाई। खुद को साेरांव सीट से प्रबल दावेदार बताते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने ऐसे शख्स को उम्मीदवार बना दिया है, जो कभी पार्टी से जुड़ा ही नहीं था।

प्रयागराज। यूपी ​विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए बगावत जारी है। इस बार भी टिकट कटने के बाद एक और कांग्रेसी ने पार्टी छोड़ते हुए सोशल मीडिया पर अपना दर्ज बया किया।

गौरतलब है कि करछना और मेजा के बाद अब सोरांव विधानसभा सीट से भी टिकट कटने पर कांग्रेस सेवा दल की प्रदेश सचिव और जिला कांग्रेस कमेटी गंगापार की सचिव गीता भारती ने भी बगावत कर दी। उन्होंने पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं।

प्रेस कांफ्रेंस करके बोला हमला

मालूम हो कि गुरुवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता के दौरान गीता भारती ने कहा कि वह 16-17 वर्ष से कांग्रेस से जुड़ी हैं। संघर्ष का किस्सा सुनाते हुए बताया कि कई बार पार्टी के लिए पुलिस की लाठियां भी खाई।

खुद को साेरांव सीट से प्रबल दावेदार बताते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने ऐसे शख्स को उम्मीदवार बना दिया है, जो कभी पार्टी से जुड़ा ही नहीं था। आरोप लगाया कि जिसे टिकट दिया गया वह समाजवादी पार्टी से जुड़ा था।

टिकट बेचने का भी लगाया आरोप

गीता भारती ने टिकट बेचने का संगीन आरोप लगाया है। न्याय की गुहार लगाने पर धमकी दी गई कि पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। गीता ने कहा कि उन्हें फूलपुर लोकसभा सीट से टिकट का आश्वासन नहीं दिया जाता है तो आत्महत्या कर लेंगी। इसके पीछे बताया कि कांग्रेस ने मेरा समय बर्बाद किया है।

पार्टी पर मेरा कर्ज है। इस संदर्भ में जिला प्रवक्ता हसीब अहमद का कहना है कि आरोप बेबुनियाद है। शिकायत करना है तो पार्टी पोर्टल पर करें, ऐसे सार्वजनिक तौर पर अनुशासनहीनता करने की क्या जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि करछना सीट से टिकट के लिए बगावत करने पर गुरुवार को ही कांग्रेस नेता जीतेंद्र तिवारी को निष्कासित किया गया था। सुबह निष्कासन के बाद दोपहर में गीता भारती ने भी बगावती कदम उठाया जिससे पार्टी के नेता सकते में हैं।

इसे भी पढ़ें...


संबंधित खबरें