निर्मम मां ने 21 दिन की बेटी को लकड़ी के बाक्स में देवी-देवताओं की फोटो के साथ गंगा में बहाया
गंगा की धार में मिले बाक्स में बच्ची के साथ एक पत्र भी मिला। पत्र में ऊपर ओम और जय मां दुर्ग लिखा है। नीचे बच्ची का जन्मदिन 25 मई 2021 दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उसकी राशि, नक्षत्र, राशि का नाम व मन्नत का भी जिक्र है, लेकिन निर्मम मां ने क्यों अपने कलेजे के टुकड़े को अपने से अलग किया है यह नहीं लिखा है।
गाजीपुर। यूपी गाजीपुर से एक दिल को दहला देने वाली खबर सामने आई। यहां एक निर्मम मां ने अपनी 21 दिन की बेटी को आस्था के नाम पर एक लकड़ी के बक्से में बंद करके बहा दिया।
गत दिवस वह बाक्स शहर के ददरीघाट के पास गंगा में तैरता हुआ मिला। जब यह बक्सा हिचकोले खा रहा था तो उस सयम गुल्लू मल्लाह वहां अपनी नाव के साथ था, गुल्लु ने बक्से बच्ची की रोने की आवाज सुनीं उसने फौरन आगे बढ़कर बाक्स को बाहर निकाला।
बाक्स को खोलने पर चुनरी में लिपटी बच्ची रो रही थी। गुल्लू ने बच्ची को बाक्स से निकालकर सीने से लगा लिया और अपने घर ले आया, लेकिन सूचना मिलने के बाद पुलिस ने बच्ची को अपनी कस्टडी में ले लिया। फिलहाल चाइल्ड लाइन ने उस बच्ची को जिला महिला चिकित्सालय स्थित एसएनसीयू में भर्ती कराया है।
गंगा की धार से बच्ची को बचाया
मालूम हो कि ददरीघाट निवासी गुल्लू मल्लाह गंगा में नाव चलाते हैं और वहां गंगा का पूजा-पाठ करने आई महिलाओं का सहयोग भी करते हैं। सोमवार की सुबह 10 बजे वह घाट पर मौजूद थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि गंगा में एक बाक्स बहता हुआ जा रहा है और उसमें बच्चे के रोने की आवाज आ रही है।
यह सुनकर गुल्लू दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे और गंगा में कूद पड़े। बाक्स को धारा से खींच कर बाहर लाए। इस दौरान वहां काफी भीड़ जुट गई। बाक्स खोलने के बाद सभी के मुंह से आह निकल गई।
उसमें एक मासूम बच्ची रखी हुई थी जो लगातार रो रही थी। उसे चुनरी में लपेटा गया था। बाक्स में मां दुर्गा का चित्र भी लगा हुआ था। गुल्लू उसे अपने घर ले आए, उनके छोटे भाई की पत्नी ने उसे अपना दूध पिलाया। इसके बाद वह चुप हो गई।
पत्र में बच्ची का लिखा जन्मदिन
गंगा की धार में मिले बाक्स में बच्ची के साथ एक पत्र भी मिला। पत्र में ऊपर ओम और जय मां दुर्ग लिखा है। नीचे बच्ची का जन्मदिन 25 मई 2021 दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उसकी राशि, नक्षत्र, राशि का नाम व मन्नत का भी जिक्र है, लेकिन निर्मम मां ने क्यों अपने कलेजे के टुकड़े को अपने से अलग किया है यह नहीं लिखा है। इस अंधविश्वासी मां की लोग निंदा कर रहे है।
उक्त बच्ची की जान बचाने वाले गुल्लू उसे अपनी बेटी की तरह अपनाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और अपने साथ लेकर चली गई। गुल्लू ने कहा कि गंगा की सेवा करते पूरा जीवन कट गया।
मां गंगा ने मुझे इस बच्ची के रूप में अपना आशीर्वाद दिया है, लेकिन पुलिस नहीं दे रही है। इतना कहते हुए गुल्लू फफक पड़े। इसको लेकर गुल्लू डीएम मंगला प्रसाद से भी मिले और पत्र के माध्यम से अपनी इच्छा जताई।
बच्ची को पुलिस ने चाइल्ड लाइन को सौंप दिया
गंगा में मिली उस बच्ची को पुलिस ने चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है। चाइल्ड लाइन व पुलिस ने उसे जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया है। फिलहाल वह स्वस्थ है। चाइल्ड लाइन उसे बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत करेगी।
बाल कल्याण समिति द्वारा उस शिशु गृह प्रयागराज भेज दिया जाएगा। जिसकी भी बच्ची है, वहां बाल कल्याण समिति के सामने उपस्थित होकर सबूत पेश कर उसे ले जा सकता है। अगर कोई अभिभावक सामने नहीं आया तो उसे शिश गृह प्रयागराज भेज दिया जाएगा।
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