सचिन के लिए बंद हुआ कांग्रेस का दरवाज़ा, बदला गया 'पायलट'

टीम भारत दीप |
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राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने पहुंचे सीएम अशोक गहलोत
राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने पहुंचे सीएम अशोक गहलोत

गणेश गोगरा विधायक को प्रांत युवा कांग्रेस का और हेम सिंह शेखावत को प्रदेश सेवा दल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

जयपुर। आखिरकार सचिन पायलट के लिए कांग्रेस ने अपने दरवाज़े बंद ही कर लिए। तीन दिन से उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें फेल होने के बाद आखिरकार पार्टी ने एक्शन ले लिया। सचिन को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा, उनके समर्थक मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा से मंत्री पद छीन लिया है। वहीं सचिन की जगह गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। उधर, गणेश गोगरा विधायक को प्रांत युवा कांग्रेस का और हेम सिंह शेखावत को प्रदेश सेवा दल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

भाजपा पर लगाया गंभीर आरोप
विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'भाजपा ने राजस्थान की बहादुर जनता द्वारा चुनी गई कांग्रेस सरकार को अस्थिर कर गिराने की साज़िश की है। भाजपा ने धनबल और सत्ताबल के दुरुपयोग से, ईडी और इनकम टैक्स विभाग के दुरुपयोग से कांग्रेस और स्वतंत्र विधायकों को खरीदने की कोशिश का जुर्म किया है।' उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में, कांग्रेस के नेताओं ने पायलट और दूसरे साथी मंत्रियों और विधायकों से लगातार संपर्क करने की कोशिश की। केसी वेणुगोपाल ने कई बार पायलट से बात की।'

कांग्रेस ने सचिन को कम उम्र में बहुत कुछ दिया 
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कांग्रेस नेतृत्व ने बार-बार यह कहा जो राजनीतिक ताकत सचिन पायलट को कम उम्र में दी गई, वो शायद किसी को नहीं मिली। 30-32 साल की उम्र में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। 34 साल की उम्र में राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी। 40 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री बनाया। इतने कम समय में किसी को प्रोत्साहित करने का यही मतलब है कि सोनिया और राहुल का आशीर्वाद उनके साथ है। पिछले 4 दिन से भी कांग्रेस कहती रही कि कोई सुबह का भूला शाम को लौट आए तो बात सुनी जाएगी। लेकिन खेद है कि पायलट और उनके कुछ साथी 8 करोड़ राजस्थानियों द्वारा चुनी गई सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं।

पायलट का इंतजार हुआ पर वो नहीं आए
गौरतलब है कि विधायक दल की बैठक सुबह 10:30 बजे होनी थी, लेकिन यह एक घंटे देरी से 11:30 बजे शुरू हुई। बगावत पर उतरे पायलट और उनके समर्थक विधायकों का इंतजार किया गया। इससे पहले पायलट को इस बैठक के लिए न्योता भेजा गया था। हालांकि, पायलट खेमे ने फिर आने से इनकार कर दिया।

राज्यपाल से मिले सीएम गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने पहुंंचे। उन्हें विधायक दल की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी। इससे पहले कांग्रेस पायलट को मनाने में जुटी थी। सोमवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा पी. चिदंबरम और केसी वेणुगोपाल ने उनसे संपर्क साधा था। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पायलट समझौते को राजी नहीं हुए। उन्होंने राहुल गांधी के साथ मुलाकात से भी इनकार कर दिया।


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