दुखद समाचार, नक्सली हमले में 22 जवानों के शहीद होने की खबर, पीएम ने जताया दुख
डीजीपी डीएम अवस्थी ने भी कहा कि दो शव निकाले गए हैं और 20 शव घटनास्थल पर ही हैं। गांव के करीब और जंगल में जवानों के शव मिले हैं। नक्सली उनके हथियार, जूते और कपड़े तक ले गए हैं। मुठभेड़ के बाद 21 जवान लापता बताए जा रहे थे। अब तक 30 घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया।
बीजापुर। छतीसगढ़ जोन्नागुड़ा के जंगल में शनिवार दोपहर हुए सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में कुल 22 जवानों के शहीद होने की खबर है। हिन्दी दैनिक नईदुनिया के अनुसार मुठभेड़ स्थल पर 20 जवानों के शव पड़े हुए है।
डीजीपी डीएम अवस्थी ने भी कहा कि दो शव निकाले गए हैं और 20 शव घटनास्थल पर ही हैं। गांव के करीब और जंगल में जवानों के शव मिले हैं। नक्सली उनके हथियार, जूते और कपड़े तक ले गए हैं।
मुठभेड़ के बाद 21 जवान लापता बताए जा रहे थे। अब तक 30 घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया। सात घायलों का इलाज रायपुर और 23 का बीजापुर में चल रहा। सभी की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। घटना स्थल के लिए भेजी गई बैकअप पार्टी भेजी गई।
पीएम ने किया ट्विट
बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने मौके से एक महिला नक्सली का शव बरामद होने की भी जानकारी दी है। इसके साथ ही दावा किया जा रहा है कि कम से कम 15 नक्सली मारे गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की। वहीं, सीएम भूपेश बघेल ने जवानों की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए उनके स्वजनों के प्रति संवेदना जताई है।
घने जंगल में हुई थी मठभेड़
मालूम हो कि सुरक्षा बलों को जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर तर्रेंम थाना क्षेत्र सिलगेर गांव के पास के जंगल में नक्सलियों की बटालियन नंबर एक के कमांडर दुर्दांत नक्सली हिड़मा की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी।
इस आधार पर शुक्रवार को डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), सीआरपीएफ, एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) व कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम रवाना की गई थी। इसमें तर्रेम से 760 जवान, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा जिले के मिनपा से 483 व नरसापुरम से 420 जवानों को मिलाकर कुल 2059 जवान शामिल थे।
शनिवार को सर्चिंग से वापसी के दौरान बीजापुर के तर्रेम व सुकमा के सिलगेर के बीच जोन्नागुड़ा के जंगल में फोर्स की एक टुकड़ी को नक्सलियों ने एंबुश (चौतरफा घेर लेना) में फंसा लिया।
दोपहर दो बजे शुरू हुई थी मुठभेड़
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नक्सली पहाड़ पर थे, जबकि फोर्स खुले मैदान में। अनुमान लगाया गया है कि मौके पर करीब ढाई सौ नक्सली मौजूद थे। उन्होंने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया।
दोपहर 12 बजे से करीब तीन घंटे तक दोनों ओर से लगातार फायरिंग होती रही। बता दें कि नक्सली इन दिनों टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चला रहे हैं। इसमें वे हर साल बड़ी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं।
नारायणपुर जिले में 23 मार्च को जवानों से भरी बस को विस्फोट कर नक्सलियों ने उड़ा दिया था। इसमें पांच जवान शहीद हुए थे। शनिवार को दस दिन के भीतर दूसरी बड़ी वारदात कर डाली।
मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सुरक्षा बलों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। नक्सलियों के विरुद्ध और तेजी से अभियान चलाएंगे। उन्होंने घायलों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।