समग्र शिक्षा स्कीम 2.0 लागू: मोदी सरकार ने लिया संकल्प, सरकारी स्कूलों का होगा कायाकल्प
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कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें समग्र शिक्षा स्कीम 2.0 लागू करने और केंद्र प्रायोजित विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट का कार्यकाल दो साल और बढ़ाने के निर्णय शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक समग्र शिक्षा योजना 2.0 एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। इस पर 2.94 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी।
नई दिल्ली। बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। जिसके तहत अब सरकारी स्कूलों का कायाकल्प होता दिखने की उम्मीद परवान चढ़ती दिखाई देगी। दरअसल कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें समग्र शिक्षा स्कीम 2.0 लागू करने और केंद्र प्रायोजित विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट का कार्यकाल दो साल और बढ़ाने के निर्णय शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक समग्र शिक्षा योजना 2.0 एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। इस पर 2.94 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस संबंध में शिक्षा मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत समग्र शिक्षा योजना 2.0 में प्ले स्कूल व आंगनवाड़ी को औपचारिक रूप दिया जाएगा। उनके मुताबिक सरकारी स्कूलों में भी अब प्ले स्कूल होंगे।
शिक्षकों को उसके अनुरूप ही तैयार किया जाएगा। वहीं सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक फास्ट ट्रैक कोर्ट की केंद्र प्रायोजित योजना का कार्यकाल भी दो साल और बढ़ा दिया है। जानकारी के मुताबिक बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में समग्र शिक्षा अभियान को एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने को मंजूरी प्रदान कर दी गई।
इसे समग्र शिक्षा स्कीम 2.0 नाम दिया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के मुताबिक इस पर कुल 2.94 लाख करोड़ रूपये खर्च होंगे। इसमें से केंद्र का हिस्सा 1.85 लाख करोड़ रूपये होगा। इसके दायरे में सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त 11.6 लाख स्कूल, 15.6 करोड़ बच्चे और 57 लाख शिक्षक आएंगे।
इस स्कीम के तहत चरणबद्ध प्रकार से अगले कुछ वर्षों में स्कूलों में बाल वाटिका, स्मार्ट कक्षा, प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी तथा आधारभूत ढांचे, व्यावसायिक शिक्षा एवं रचनात्मक शिक्षण विधियों का विकास किया जाएगा। बताया गया कि समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार में स्कूलों में समावेशी और खुशहाल वातावरण बनाने पर जोर दिया जाएगा।
जानकारी देते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि शिक्षा के सतत विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए समग्र शिक्षा योजना को बढ़ाया गया है। उनके मुताबिक सार्वभौमिक शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति और योजना का भी हिस्सा है। शिक्षा मंत्री के मुताबिक पहली बार समग्र शिक्षा योजना में बच्चों की सुरक्षा को शामिल किया गया है।
बताया गया कि बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए राज्यों को एक आयोग बनाने के लिए फंड दिया जाएगा। वहीं समग्र शिक्षा अभियान के तहत बच्चों की व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। बताया गया कि कक्षा 6 से आठवीं तक के बच्चों का विभिन्न कौशल से परिचय कराया जाएगा। वहीं कक्षा 9 से 12 वीं के बच्चों में उनकी रुचि के कौशल पर फोकस किया जाएगा।