'समर्थ नारी—समर्थ भारत' संस्था ने मनाई 'स्वामी विवेकानन्द' व 'माता जीजा बाई' जयंती
कार्यक्रम में जिला और नगर संयोजिका सपना श्रीवास्तव और सरला वर्मा सांस्कृतिक सह-संयोजिका सुप्रिया शर्मा,शशी गुप्ता व अन्य महिलाएं सम्मलित हुई। पुष्पांजलि और माल्यार्पण के बाद संगठन की राष्ट्रीय संयोजिका नीरा सिन्हा 'वर्षा' ने कहा कि माता जीजी बाई,एक प्रभावी और प्रतिबद्ध महिला ने तौर पर जाना जाता है। जिनके लिए आत्मसम्मान और उनके मूल्य सर्वोपरि है।
लखनऊ। झण्डे वाला पार्क अमीनाबाद में "समर्थनारी-समर्थभारत" संगठन के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद जी की जयन्ती के साथ माता जीजा बाई जी की जयन्ती मनाई गई।" समर्थनारी- समर्थभारत" महिलाओं द्वारा संचालित एकमात्र अखिल भारतीय संगठन द्वारा पुष्पांजलि समर्पित कर मनाया गया।
कार्यक्रम में जिला और नगर संयोजिका सपना श्रीवास्तव और सरला वर्मा सांस्कृतिक सह-संयोजिका सुप्रिया शर्मा,शशी गुप्ता व अन्य महिलाएं सम्मलित हुई। पुष्पांजलि और माल्यार्पण के बाद संगठन की राष्ट्रीय संयोजिका नीरा सिन्हा 'वर्षा' ने कहा कि माता जीजी बाई,एक प्रभावी और प्रतिबद्ध महिला ने तौर पर जाना जाता है।
जिनके लिए आत्मसम्मान और उनके मूल्य सर्वोपरि है। वे अपनी दूरदर्शिता के लिए प्रसिद्ध एक योद्धा और प्रशासक थी। उन्होंने कहा कि समर्भाथ नारियों को माता जीजाबाई जैसी संस्कार वान वीरांगना और देश के प्रति संस्कृति के प्रति जागरूक जब तक नही होगी तब तक शिवा जी जैसे होनहार, संस्कारवान,और राष्ट्र का गौरव बढाने वाले पुत्र कहाँ से आयेंगे।
साथ ही स्वामी विवेकानंद जी की माता को प्रणाम करते हुए उन्होंने कहा कि एक संकल्पित पुत्र भारत का गौरव बढाने वाले स्वामी विवेकानंद जी की स्मृति और मन मष्तिष्क का जागरण करने वाले शब्दों को बताया। कहा कि शक्ति जीवन है,निर्बलता मृत्यु है।
विस्तार जीवन है,संकुचन मृत्यु। प्रेम जीवन ही है ,ईर्ष्या मृत्यु। उठो जागो और तब तक रुको नहीं जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। इस अवसर पर संस्था के अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।