यूपी में कोरोना संकट के बाद गुलजार हुए स्कूल, छात्रों की 50 फीसदी रहेगी उपस्थिति
स्कूल खुलने के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। सभी बच्चे और कर्मचारी मास्क लगाए हुए हैं। बागपत के फ़तेहपुर पुट्ठी के स्कूल में पहुंचे विधार्थियो को सैनिटाइज के बाद प्रवेश दिया गया। क्लास में भी छात्रों को सोशल डिसटेंसिंग के साथ बैठाया गया।
लखनऊ। यूपी में कोरोना संकट कम होने के बाद आज से फिर स्कूल गुलजार हो गए। हालांकि स्कूलों में पहले की तरह चहल -पहल नहीं रहेगी।क्योंकि छात्रों को अभी 50 फीसदी उपस्थिति के साथ ही बुलाया गया।
इसके अलावा स्कूलों में कोविड गाइड लाइन का पालन करना होगा। छात्र पहले की तरह एक -दूसरे से घुल मिल नहीं पाएंगे। छात्रों को दो गज की दूरी रखनी होगी। साथ ही अपनी सामान को साझा करने से बचना होगा। आपकों बता देंं कि कई राज्यों में दो अगस्त से स्कूल खोले जा चुके हैं। छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है।
जौनपुर जिले में स्कूलों में छात्रों के स्कूल पहुंचने पर उन्हें मास्क लगाने के सही तरीके बताए गए। साथ ही उनके हाथों को सैनिटाइज किया गया।वहीं गोरखपुर जिले में थर्मल स्क्रिनिंग के बाद छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया गया।
स्कूल खुलने के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। सभी बच्चे और कर्मचारी मास्क लगाए हुए हैं। बागपत के फ़तेहपुर पुट्ठी के स्कूल में पहुंचे विधार्थियो को सैनिटाइज के बाद प्रवेश दिया गया। क्लास में भी छात्रों को सोशल डिसटेंसिंग के साथ बैठाया गया। पहले दिन कम संख्या में छात्र स्कूल पहुंचे। वहीं, यह भी देखने में आ रहा कि कई जगह छात्रों ने मास्क नहीं लगाया हुआ था।
वहीं, यूपी में स्कूलों ने एसओपी के तहत अपनी तैयारियां पूरी कर लेने का दावा किया है। इसके साथ ही कक्षाओं और परिसर का सैनिटाइजेशन किया गया है। छात्रों को खड़े होने व बैठने के लिए चिह्न बनाए गए हैं।
अभिभावकों के साथ स्टाफ को भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। शासन की ओर से तय समयसारिणी में कॉलेज अपने टाइम टेबल व समय अनुसार कक्षाएं लगाएंगे। ऐसे में कोई एक तो कोई दो शिफ्ट में स्कूल खोलेगा।
दो शिफ्ट में लगेंगी कक्षाएं
शासन ने स्कूलों में शुरू होने वाली ऑफलाइन कक्षाओं के लिए दो शिफ्ट तय की हैं। इसमें कक्षा नौ से 12वीं तक के छात्र आधी क्षमता में सुबह 8 से 12 और दोपहर 12:30 से 4:30 बजे तक आएंगे। हालांकि ,स्कूल अपने संसाधन व छात्र संख्या के अनुसार अलग-अलग समय पर कक्षाएं चलाएंगे।
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