किसान आंदोलन के सात दिन पूरे: रोड के बाद रेलवे ट्रैक पर बैठे अन्नदाता, सरकार की बढ़ रही टेंशन

टीम भारत दीप |
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किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद पंजाब व हरियाणा के आम लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद पंजाब व हरियाणा के आम लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहा किसानों का धरना-प्रदर्शन बुधवार को 7वें दिन प्रवेश कर गया। बुधवार को भी टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर के साथ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर हजारों किसान धरने पर बैठे हुए हैं। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों ने बुधवार सुबह बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की।

नईदिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहा किसानों का धरना-प्रदर्शन बुधवार को 7वें दिन प्रवेश कर गया।

बुधवार को भी टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर के साथ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर हजारों किसान धरने पर बैठे हुए हैं। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों ने बुधवार सुबह बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। इस दौरान यूपी के साथ दिल्ली पुलिस भी अलर्ट पर है।

किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद पंजाब व हरियाणा के आम लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। सिंघु व टीकरी बॉर्डर के बाद सोमवार देर रात औचंदी बॉर्डर को भी सील कर दिया गया। यहां दिल्ली पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग के साथ-साथ डंपर भी खड़े कर दिए गए हैं।

दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर मंगलवार रात को उत्तर प्रदेश के किसानों का जत्था पहुंच गया। कृषि कानूनों के विरोध में यहां पर किसानों ने ट्रैक्टर-ट्राली के जरिये बॉर्डर के रास्ते को बंद कर दिया।

आवागमन बाधित होते देखकर दिल्ली पुलिस के जवान पहुंचे और हालात पर काबू पाया। इस बीच बॉर्डर सील किए जाने से दिल्ली नोएडा लिंक रोड पर भीषण जाम लग गया। 

सरकार के तीन मंत्रियों के साथ हुई बैठक को अखिल भारतीय किसान महासंघ के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने अच्छा बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ तीन दिसंबर को अगली बैठक के दौरान हम उन्हें समझाएंगे कि कृषि कानूनों का कोई भी किसान समर्थन नहीं करता।

इसे लेकर आंदोलन जारी रहेगा। सिंघु और टीकरी बॉर्डर सील होने बाद औचंदी बॉर्डर से ही जरूरी सामान को दिल्ली पहुंचाया जा रहा था। वहीं, कच्चे रास्तों को भी खोद दिया गया है। इससे दिल्ली में दरियापुर गांव तक और हरियाणा में सैदपुर तक जाम लग गया।

निजामपुर, कंझावला, बवाना, नरेला समेत शहर में भी लोगों को जाम से जूझना पड़ा। बाद में दिल्ली व हरियाणा पुलिस की ओर से वाहनों को दूसरे रूट पर डायवर्ट कर दिया गया।

लोग इस रूट से दिल्ली व हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पाए और परेशान होते रहे।इससे पहले तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के साथ सरकार की मंगलवार को हुई तीसरे दौर की वार्ता भी बेनतीजा समाप्त हो गई।

सभी की नजरें अब गुरुवार को होने वाली चौथे दौर की बातचीत पर टिक गई हैं।वार्ता खत्म होने के बाद बाहर आए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, मंगलवार की बैठक में परस्पर समझ बनी है।

रेलवे ट्रैक पर पहुंच रहे किसान:पंजाब के किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के कारण उत्तर रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली कुछ ट्रेनों को रद कर दिया गया हैबैठक में किसान संगठनों के नेता कानूनों को समाप्त करने की अपनी जिद पर अड़े रहे।

हालांकि, इस दौरान वे उन प्रावधानों को नहीं बता सके, जो सीधे किसान हितों के विरुद्ध हों। सरकार की ओर से किसान नेताओं से स्पष्ट कहा गया कि अगले दौर की बैठक में आयें तो उन प्रावधानों को चिन्हित करके लाएं, जो किसान हितों के विरुद्ध हो, ताकि उन पर गंभीरता से विचार किया जा सके।


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