पांचवीं पास के प्यार में पड़कर अपनों के खून की प्यासी बनी शबनम, फिर आई थी वह रात
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शबनम और सलीम एक -दूसरे से बहुत मोहब्बत करते थे, शबनम के परिवार को उसका यह रिश्ता नहीं मंजूर था, क्योंकि सलीम कम- पढा लिखा था और उसकी हैसियत उसके परिवार से कम थी। सलीम हाई स्कूल भी नहीं कर पाया था पांचवीं पास था , जबकि शबनम ने डबल एम ए किया था।
अमरोहा। उत्तर प्रदेश का अमरोहा जिला अपनी का बावनखेड़ी गांव तो 15 अप्रैल 2008 के पहले देश के सामान्य गांव की तरह ही पहचान रखता था।
यहां के रहवासी आपसी प्रेमभाव के साथ मिलकर रहते थे, लेकिन 15 अप्रैल 2008 को हुए एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या से यह गांव देशभर की मीडिया में छा गया था। आइए आपकों बता दें कि आखिर उस रात क्या हुआ था कि इस हत्याकांड ने पूरे देश की मीडिया को अपनी ओर....
कहानी उस रात की
बावनखेड़ी के ग्रामीण हर रोज की तरह शाम का भोजन करके गहरी नींद में सो रहे थे, तभी रात दो बजे एक युवती के चीख की आवाज सुनकर सबकी नींद खुल गई, ग्रामीण उस तरफ भागे जहां से रोने- चिलाने की चीख आ रही थी।
ग्रामीण जब घर में पहुंचे तो वहां के मंजर देखकर सभी की रूह कांप उठी, घर के अंदर सात लाशें खून से लथपथ पड़ी थी। लाशों के पास एक 25 साल की लड़की यानि शबनम रो रही थी।
गांव वाले किसी तरह अपनों के खो चुकी शबनम को शांत कराने में जुट गए, लेकिन शबनम के आंखों से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहा था। घर में जिनकी लाश मिली थी उनमें शबनम के माता पिता शबनम के दो भाई, शबनम की एक भाभी,शबनम की एक मौसी की बेटी और शबनम का एक भतीजा था।
फिर हुई सुबह
घर में सात लोगों की मौत के बाद दहाड़ मारकर रो रही शबनम। घर के बाहर खड़े ग्रामीणों के बीच हर कोई अपने अंदाज से घर में हुए घटनाक्रम के बारें अंदाजा लगा रहा था।
कोई भी शबनम की बातों पर विश्वास नहीं कर पा रहा था। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस अधिकारियों ने जब घटना के बारे में पूछा तो शबनम ने बताया कि घर में लुटेरे घुस आए थे, परिवार के सभी लोगों को मार डाला और घलूटपाट करके चले गए उनसे बचने के लिए मैंने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया था।
पुलिस की जांच शुरू
पुलिस ने किसी तरह शबनम से उस रात की कहानी जानी, पुलिस ने भी शुरू में मामला डकैती और लूटपाट के लिए की गई हत्या मानकर मामले की तफ्तीश में जुट गई। पुलिस ने शबनम के मोबाइल की काल डिटेल भी मंगवाई, इसी बीच अलगे दिन मृतकों की पीएम रिपोर्ट आ जाती है।
पीएम रिपोर्ट से घर में हुई मौतों से कुछ -कुछ पर्दा उठने लगा । इसके अलावा घर से किसी भी लूटपाट या बदमाशों से बचने के लिए किसी भी संघर्ष के निशान नहीं मिले थे, इसके बाद पुलिस के शक की सुई जिंदा बची शबनम पर आकर रूक गई। पीएम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि मरने वालों के खून में बेहोशी की दवा थी, यानि उन्हें बेहोश करके मौत के घाट उतारा गया है।
अगले दिन पहुंच गई सूबे की मुखिया
एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या के बाद प्रदेश मुखिया तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती शबनम से मिलने अमरोहा पहुंच गई। मायावती ने शबनम से मिलकर सांत्वना दिया और कातिलों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया।
हत्या का इशारा शबनम की ओर
पीएम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस को पक्का यकिन हो गया कि घर में हुए हत्याकांड के पीछे शबनम का हाथ है। शबनम की कॉल डिटेल्स भी इसी तरफ इशारा कर रही थीं।
हत्या की रात उसकी एक ही नंबर पर कई बार बात हुई। कत्ल हो जाने के बाद भी शबनम की उस नंबर पर बात हुई थी। एक और बात पुलिस को एक - दो दिन बाद ही पता लगी, वो थी शबनम का प्रेगनेंसी, जबकि अभी उसका विवाह नहीं हुआ था। लेकिन ये सब तो बड़े कमज़ोर से सबूत थे।
शबनम -सलीम करते थे एक दूसरे से प्यार
पुलिस के पास एक ही चारा बचा था, कि वह कड़ी पूछताछ। जब पुलिस ने शबनम से सख्ती की तो उसने पूरी कहानी बता दी। पुलिस को जो कहानी शबनम ने बताई उसके अनुसार शबनम और सलीम एक -दूसरे से बहुत मोहब्बत करते थे, शबनम के परिवार को उसका यह रिश्ता नहीं मंजूर था, क्योंकि सलीम कम- पढा लिखा था और उसकी हैसियत उसके परिवार से कम थी।
सलीम हाई स्कूल भी नहीं कर पाया था पांचवीं पास था , जबकि शबनम ने डबल एम ए किया था। जब घर वाले नहीं माने तो शबनम अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार वालों को ही रास्ते से हटाने की योजना बनाती है। फिर तय होता है 15 अप्रैल की रात को सबकों मौत की नींद सुलाई जाएगी।
शबनम ने रात के खाने में कुछ नशीला पदार्थ मिला देती है, जिसे खाने के बाद सभी लोग गहरी नींद में सो जाते है। इसके बाद एक धारदार कुल्हाड़ी से एक के बाद एक करके पूरे परिवार की हत्या कर दी।हत्या करने से पहले और बाद में भी शबनम ने सलीम से रात में फोन पर बात की थी। इसके बाद उस खूनी कुल्हाड़ी को एक तालाब में फेंक दिया। जिसे पुलिस ने शबनम के गुनाह कबूल करने के बाद बरामद कर लिया।
इनकी हुई थी हत्या
बाबनखेड़ी निवासी शबनम ने अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस अहमद, उसकी पत्नी अंजुम, भतीजी राबिया और भाई राशिद के अलावा अनीस के 10 महीने के बेटे अर्श की हत्या कर दी थी। सभी को पहले दवा देकर बेहोश किया गया और इसके बाद अर्श को छोड़कर अन्य को कुल्हाड़ी से काट डाला था। शबनम ने अर्श का गला दबाकर उसे मारा था।
जेल में बेटे को दिया था जन्म
जेल में रहने के दौरान शबनम ने 14 दिसंबर 2008 को बेटे को जन्म दिया था। उसका बेटा जेल में उसके साथ ही रहा था। 15 जुलाई 2015 में उसका बेटा जेल से बाहर आया,इसके बाद शबनम ने बेटे को उस्मान सैफी और उसकी पत्नी सौंप दिया था। उस्मान शबनम का कॉलेज फ्रेंड है जो बुलंदशहर में पत्रकार है।
पुलिस ने चालान पेश किया
शबनम के अपना गुनाह कबूल करने के बाद पुसिल ने हत्या में बरामद हथियार भी खोज लिया और उसके प्रेमी को भी गिरफ्तार करके, मामला कोर्ट में पेश किया। इसके बाद कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई। 15 जुलाई 2010 को ट्रायल कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।
इसके बाद हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी बरकरार रखी। शबनम ने बेटे का हवाला देते हुए माफी की मांग की थी। 2015 सितंबर में यूपी तत्कालीन गवर्नर राम नाईक ने भी शबनम की दया याचिका याचिका खारिज कर दी थी।
मथुरा जेल में होगी फांसी
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों द्वारा दी गई उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा। उसके बाद शबनम ने राष्ट्रपति से सजा माफी की भी गुहार की, लेकिन घटना की विभत्सता देखते हुए, वहां से भी न तो शबनम की सजा माफ हुई न कम हुई उधर सलीम को भी वही सजा मिली जो शबनम को उसकी भी माफ़ी याचना राष्ट्रपित प्रणब मुखर्जी द्वारा अस्वीकार कर दी गई है।
पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई नरमी नहीं दिखाई। अब उसे जल्द ही फांसी दी जानी है। जिसकी तैयारी उत्तर प्रदेश के मथुरा जेल में चल रही है।