अपनों पर रहम न करने वाली शबनम 'सरकार 'से मांग रही रहम की भीख

टीम भारत दीप |

सजा के बचाव में आरोपियों ने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ लगाई लेकिन हर जगह इनकी सजा बरकरार रही।
सजा के बचाव में आरोपियों ने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ लगाई लेकिन हर जगह इनकी सजा बरकरार रही।

2008 में अपने परिवार के सात लोगों की हत्या की दोषी शबनम को फांसी दिए जाने की तैयारी मथुरा जेल में चल रही है। अब मौत को सामने देख विचलित हुई शबनम जान बचाने के लिए कानूनी पैतरे आजमा रहीं है। शबनम ने गुरुवार को फिर से राज्यपाल से अपने गुनाहों को माह करने के लिए गुहार लगाई है।

रामपुर। अपने प्यार को पाने के लिए अपनों के खून से होली खेलने वाली हत्यारन शबनम ने सरकार से मांग रही रहम की भीख। मालूम हो कि 2008 में अपने परिवार के सात लोगों की हत्या की दोषी शबनम को फांसी दिए जाने की तैयारी मथुरा जेल में चल रही है।

अब मौत को सामने देख विचलित हुई शबनम जान बचाने के लिए कानूनी पैतरे आजमा रहीं है। शबनम ने गुरुवार को फिर से राज्यपाल से अपने गुनाहों को माह करने के लिए गुहार लगाई है।  शबनम के दो वकील रामपुर जिला कारागार पहुंचे, जहां उन्होंने रामपुर जेल अधीक्षक को दया याचिका के लिए प्रार्थना पत्र दिया।

जेल अधीक्षक राज्यपाल को दया याचिका का प्रार्थना पत्र भेजेंगे, आपको बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति के यहां से शबनम की दया याचिका खारिज हो चुकी है। इसके बाद फिर से शबनम के वकील राज्यपाल के यहां दया याचिका भेज रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मथुरा जेल में शबनम को फांसी देने की तैयारी की जा रही है। 

गौरतलब है कि अमरोहा के हसनपुर थाना क्षेत्र के बावन खेड़ी गांव में हुई सात लोगों की हत्या से पूरे देश में हड़कंप मच गया था। इस नरसंहार को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अंजाम दिया था। शबनम ने  अपने ही परिवार के सात लोगों को मौत की नींद सुला दी थी।  इस मामले में पहले अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

पुलिस की विवेचना में सामने आए सलीम ने हत्या की है, हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी उसने बरामद करायी। सलीम ने बताया कि हम लोगों ने पहले छह लोगों की हत्या की थी, जब मैं घटना स्थल से दूर निकल गया था तभी शबनम ने फोन करके बताया कि एक बच्चा बच गया है। तब उसने कहा कि मैं काफी दूर निकल आया हूं इसलिए उसे तुम देख लो,तब शबनम ने बच्चे की हत्या की।

सात लोगों को सुलाया था मौत की नींद 

तत्कालीन डीजीसी धर्मपाल सिंह ने बताया कि अमरोहा में तैनात जिला जज एएम हुसैनी की कोर्ट ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। सजा के बचाव में आरोपियों ने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ लगाई लेकिन हर जगह इनकी सजा बरकरार रही।

आखिर में राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर की गई। राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी। अब जल्द ही डेथ वारंट जारी किया जाएगा, इस समय शबनम रामपुर जिला कारागार में बंद है और सलीम आगरा जेल में है।


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