शर्मनाक: 'उइगर' मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचार को पाक पीएम ने बताया सही, दिया चीन को समर्थन
बीजिंग में इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि पाकिस्तान ताइवान, दक्षिण चीन सागर, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत पर चीन की नीतियों का समर्थन करता है। पाकिस्तान के समर्थन के बाद से चीन और भी अधिक मनमानी करने पर उतारू हो सकता है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान इन दिनों अपने सबसे बुरे दिन से गुजर रहा रहा है। अपने देश का पेट भरने के लिए पाक के पीएम बार-बार विश्व के अमीर देशों के सामने हाथ फैला रहे है, फिर भी उन्हें कर्ज नहीं मिल रहा है।
चीन का सहयोग लेने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस स्तर तक नीचे चले गए कि उन्होंने शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगरों पर हो रहे अत्याचार का भी समर्थन कर दिया है। इमरान खान ने कहा कि चीन जो भी कर रहा है वह सही कर रहा है और हम उसकी नीतियों का समर्थन करते हैं।
पाकिस्तान ने विश्व के करीब 243 संगठनों के उन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया जो कि शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के बाद चीन पर लगे हैं। बीजिंग में इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि पाकिस्तान ताइवान, दक्षिण चीन सागर, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत पर चीन की नीतियों का समर्थन करता है।
पाकिस्तान के समर्थन के बाद से चीन और भी अधिक मनमानी करने पर उतारू हो सकता है। पाकिस्तान पीएम का काला चेहरा सामने आने के बाद उनके खुद के देश में आलोचना हो रही है। आपको बता दें कि चीन की इस कठोर नीति को लेकर कई पश्चिमी देशों के साथ विवाद है। कई पश्चिमी देश बीजिंग की इन नीतियों की कड़ी आलोचना करता आया है।
यह हैं उइगर मुस्लिमों की दास्तां
उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं। ये मूल रूप से मध्य और पूर्व एशिया के निवासी हैं। इनकी भाषा तुर्की है। चीन में जिन 55 अल्पसंख्यक समुदायों को आधिकारिक पर मान्यता दी गई है, उइगर उनमें से ही एक हैं। वर्तमान में उइगर मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहती है।
चीन में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार
चीन में उइगर मुसलमानों की स्थिति पर पूर्व चीनी अधिकारी जियांग ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। एक साक्षात्कार के दौरान जियांग ने कहा था कि चीन के डिटेंशन सेंटर में इन्हें कुर्सी और रस्सी से बांधकर रखा जाता है। चीनी अधिकारियों के शर्त नहीं मानने पर पुलिसकर्मी इन पर कोड़े बरसाते हैं। यहां तक कि उइगरों को सोने तक नहीं दिया जाता है। पुरुष के अलावा महिलाओं से भी बर्बरता की जाती है।
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