कानपुर शूटआउटः विकास दुबे का एक और गुर्गा पुलिस गिरफ्त में, 50 हजार का था इनाम
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पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे के घर से 2 एके-47 और 17 कारतूस बरामद किए हैं। विकास दुबे और शशिकांत का पिता प्रेम प्रकाश पांडे पहले ही एनकाउंटर में मारा जा चुका है।
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानुपर के शूटआउट मामले में 12 दिन से फरार 50 हजार रुपए के इनामी शशिकांत पांडे को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले एसटीएफ ने शशिकांत के 2 मददगारों को ग्वालियर से हिरासत में लिया था। दूसरी ओर पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे के घर से 2 एके-47 और 17 कारतूस बरामद किए हैं। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने यह जानकारी दी। विकास दुबे और शशिकांत का पिता प्रेम प्रकाश पांडे पहले ही एनकाउंटर में मारा जा चुका है।
अभी 11 की तलाश जारी
गत 2 जुलाई को बिकरू गांव में पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसकी गैंग ने हमला कर दिया था। इसमें सीओ समेत 8 पुलिसवाले मारे गए थे। विकास की गैंग ने सरकारी हथियार भी लूट लिए थे। शूटआउट की जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। एडीजी ने बताया कि कानपुर शूटआउट केस में 21 नामजद आरोपी थे। इनमें से श्याम दुबे, दयाशंकर अग्निहोत्री और शशिकांत दुबे को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत 6 बदमाश एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। 11 आरोपियों की तलाश जारी है। चौबेपुर थाने के पूर्व इंचार्ज और एसआई के खिलाफ भी केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
कानपुर के पास एनकाउंटर हुआ
शूटआउट की रात पुलिस टीम बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई थी। 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद विकास और उसकी गैंग के बदमाश फरार हो गए थे। घटना के 7वें दिन विकास को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार किया गया। अगले दिन कानपुर लाते वक्त उसका एनकाउंटर हो गया।
सूचना लीक होने की नहीं थी जानकारी
एडीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विकास दुबे ने पुलिसवालों से लूटे हथियार और गोला-बारूद अपने घर में छिपाने के लिए अपनी गैंग से कहा था। विकास और उसकी गैंग मारे गए पुलिसकर्मियों के शव जलाने की भी तैयारी में थे। यह बात विकास ने उज्जैन पुलिस को पूछताछ में भी बताई। गत 2 जुलाई की रात विकास को पकड़ने के लिए पुलिस टीम तैयारी के साथ बिकरू गांव पहुंची थी। इस बात का ज़रा-सा भी अंदेशा नहीं था कि गैंगस्टर को सूचना लीक हो चुकी थी और वह पुलिस पर हमला करने की तैयारी में था। विकास और उसकी गैंग के बदमाश छत पर पोजिशन लेकर अंधेरे का फायदा उठाकर हमला कर रहे थे। पुलिसकर्मी नीचे थे और उन सभी पर स्ट्रीट लाइट की रोशनी पड़ रही थी।