शतचण्डी महायज्ञ: भव्य भंडारे के साथ 11 दिवसीय उत्सव संपन्न, हजारों श्रद्धालुओं ने चखा प्रसाद
अपडेट हुआ है:
भव्य भण्डारे के साथ शतचण्डी महायज्ञ के रूप में चल रहा आध्यात्मिक उत्सव संपन्न हो गया। रविवार को यहां भव्य भण्डारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर अपने को तृप्त किया। वहीं दूसरी ओर यहां आयोजित भजन—कीर्तन ने मां की भक्ति की मनोरम छठा भी बिखेरी।
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सरौरा,आईआईएम रोड स्थित माता बड़ी भुइयन देवी मंदिर बीते ग्यारह दिनों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बना रहा। रविवार को यहां भव्य भण्डारे के साथ शतचण्डी महायज्ञ के रूप में चल रहा आध्यात्मिक उत्सव संपन्न हो गया।
रविवार को यहां भव्य भण्डारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर अपने को तृप्त किया। वहीं दूसरी ओर यहां आयोजित भजन—कीर्तन ने मां की भक्ति की मनोरम छठा भी बिखेरी। इस दौरान चहुंओर भक्तिरस की अनुपम रसधार भी बही।
भारी संख्या में मौजूद श्रद्धालु ने भजन—कीर्तन का जमकर आनंद उठाया। बताते चलें कि शनिवार को यहां पूर्णाहुति के साथ शतचण्डी महायज्ञ का समापन पूरे विधि—विधान के साथ हुआ। इससे पहले शनिवार को पूरे विधि विधान से मां की पूजा—अर्चना व आराधना की गई।
मां की पूजा गुरू योग थाना पति महन्त मुन्ना गिरि महाराज, माया देवी मंदिर, हरिद्वार (13 मणि सन्यासी)श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, काशी के कृपापात्र व माता सेवक—तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि महाराज ने की। वहीं आचार्य अनिल पाण्डेय ने समस्त ब्राहम्णों के साथ मिलकर यह पूजा संपन्न करवाई।
बता दें कि यहां बने 108 हवन कुंड में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भी आहूति डाली और स्वयं की मंगल कामना के साथ ही विश्व कल्याण की कामना की। माता सेवक—तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि महाराज ने कहा कि इस पावन आयोजन का उद्देश्य जन कल्याण व विश्व कल्याण है। नागा साधु आनन्द गिरि महाराज ने बताया कि बढ़ते पाप के कारण लगातार धर्म का क्षय होता जा रहा है।
परिणाम स्वरूप अराजकता व महामारी का प्रकोप चहुंओर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सनातन धर्म की अलख जगाए रखना तथा संसार में व्याप्त महामारी एवं मानव समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार का निवारण एवं सद्बृद्धि सम्वर्धन करना ही इस पावन आयोजन का प्रमुख उद्देश्य है।
माता सेवक व तपस्वी नागा साधु आनंद गिरि महाराज ने आयोजन के बारे में बताते हुए कहा कि 12 फरवरी से शतचण्डी महायज्ञ का आयोजन शुरू हुआ था। आयोजन से एक दिन पूर्व कलश यात्रा का भव्य आयोजन हुआ जिसमें आस—पास के क्षेत्र के अलावा दूरदराज से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
उन्होंने बताया कि आयोजन के दौरान ग्यारह लाख नवार्ण मंत्र जप यज्ञ का आयोजन हुआ। माता सेवक—तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि महाराज ने बताया कि शनिवार को पूर्णाहुति के साथ आयोजन शतचण्डी महायज्ञ संपन्न हुआ।
इस दौरान यहां बने 108 हवनकुंडों में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आहूति दे स्वयं के साथ—साथ विश्व कल्याण की कामना की है। वहीं 21 फरवरी को भव्य भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।