पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ शतचण्डी महायज्ञ,आहूति दे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने की मंगल कामना
लखनऊ के आईआईएम रोड के सरौरा में स्थित माता बड़ी भुइयन देवी का मंदिर बीते दस दिनों से यहां आध्यात्मिक उत्सव का केन्द्र बना हुआ है। यहां चल रहे शतचण्डी महायज्ञ में हजारों श्रद्धालु मां की भक्ति से सराबोर रहे। शनिवार को यहां पूर्णाहुति के साथ शतचण्डी महायज्ञ सम्पन्न हो गया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आईआईएम रोड के सरौरा में स्थित माता बड़ी भुइयन देवी का मंदिर बीते दस दिनों से यहां आध्यात्मिक उत्सव का केन्द्र बना हुआ है। यहां चल रहे शतचण्डी महायज्ञ में हजारों श्रद्धालु मां की भक्ति से सराबोर रहे। शनिवार को यहां पूर्णाहुति के साथ शतचण्डी महायज्ञ सम्पन्न हो गया।
अब 21 फरवरी को भण्डारे के साथ यह 11 दिवसीय आध्यात्मिक उत्सव संपन्न हो जाएगा। इससे पहले आज पूरे विधि विधान से मां की पूजा—अर्चना व आराधना की गई। मां की पूजा गुरू योग थाना पति महन्त मुन्ना गिरि महाराज, माया देवी मंदिर, हरिद्वार (13 मणि सन्यासी)श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, काशी के कृपापात्र व माता सेवक—तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि महाराज ने की।
वहीं आचार्य अनिल पाण्डेय ने समस्त ब्राहम्णों के साथ मिलकर यह पूजा संपन्न करवाई। यहां बने 108 हवन कुंड में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भी आहूति दी और स्वयं की मंगल कामना के साथ ही विश्व कल्याण की कामना की। वहीं माता सेवक—तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि महाराज ने बताया कि इस पावन आयोजन का उद्देश्य जन कल्याण व विश्व कल्याण है।
उन्होंने बताया कि बढ़ते पाप के कारण लगातार धर्म का क्षय होता जा रहा है। परिणाम स्वरूप अराजकता व महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सनातन धर्म की अलख जगाए रखना तथा संसार में व्याप्त महामारी एवं मानव समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार का निवारण एवं सद्बृद्धि सम्वर्धन ही शतचण्डी महायज्ञ का प्रमुख उद्देश्य है। उनके मुताबिक 12 फरवरी से शतचण्डी महायज्ञ का आयोजन शुरू हुआ था।
आयोजन से एक दिन पूर्व कलश यात्रा का भव्य आयोजन किया गया था जिसमें आस—पास के क्षेत्र के अलावा दूरदराज से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। आयोजन के दौरान ग्यारह लाख नवार्ण मंत्र जप यज्ञ का आयोजन हुआ। माता सेवक—तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि महाराज ने बताया कि आज पूर्णाहुति के साथ ही आयोजन संपन्न हो गया।
इस दौरान यहां बने 108 हवनकुंडों में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आहूति दे स्वयं के साथ—साथ विश्व कल्याण की कामना की है। उन्होंने बताया कि 21 फरवरी को भव्य भण्डारे का आयोजन होगा, जिसमें हजारों की सख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे।