मोहर्रम पर यूपी सरकार के फरमानों से नाराज मौलाना कल्बे जवाद का लखनऊ में धरना
अपडेट हुआ है:
सरकार के साथ मुलाकात में हमें भरोसा दिया गया था कि कोरोना की गाइडलाइंस का पालन करते हुए हम मजलिस का आयोजन कर सकते हैं लेकिन आखिरी वक्त में सरकार ने अजादारी के लिए केवल 5 लोगों को मस्जिद में जमा होने का फरमान सुनाया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के मोहर्रम को लेकर आदेशों से खफा मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव और शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो प्रदेश भर में शिया समुदाय धरना प्रदर्शन करेगा।
इमामबाड़ा पर धरने में कल्बे जवाद के साथ कई अन्य धर्मगुरू भी शामिल हैं। उनका कहना है कि सरकार के साथ मुलाकात में हमें भरोसा दिया गया था कि कोरोना की गाइडलाइंस का पालन करते हुए हम मजलिस का आयोजन कर सकते हैं लेकिन आखिरी वक्त में सरकार ने अजादारी के लिए केवल 5 लोगों को मस्जिद में जमा होने का फरमान सुनाया है।
उन्होंने कहा कि उनके पास पूरे यूपी से फोन आ रहे हैं और लोग मजलिस के आयोजन को लेकर प्रशासन की जोर जबरदस्ती की शिकायत कर रहे हैं। शिया धर्मगुरू ने कहा कि हमने सरकार से दरगाह में 1000 लोगों के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खड़े होकर मजलिस के आयोजन की अनुमति मांगी थी। सरकार ने इसे घटाकर 20 कर दिया लेकिन बाद में केवल 5 लोगों को ही आनलाइन मजलिस के लिए अनुमति दी गई है।
इतना ही नहीं लोगों को अपने घरों में कागज के ताजिए रखने से भी रोका जा रहा है। बदायंू में एक शख्स के खिलाफ इसे लेकर एफआईआर तक हो गई। उन्होंने कहा कि जब हमारे हिंदू भाइयों को अपने घर में गणेश जी की प्रतिमा रखकर पूजा की अनुमति है तो हमें ताजिए रखने से क्यों रोका जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसे लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से बातचीत की थी। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निर्णय लेंगे लेकिन योगी जी को उनके अधिकारी जाने क्या सलाह दे रहे हैं। सरकार का ऐसा निर्णय हमारे साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि दिल्ली तक में दरगाह में 1000 लोगों को बैठने की अनुमति है लेकिन कोरोना के सारे नियम क्या यहां लखनऊ में हमारे लिए ही हैं।