कांग्रेस को बड़ा झटका: राहुल के खासमखास रहे जितिन प्रसाद ने थामा भाजपा का दामन
राहुल गांधी के खासमखास रहे कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीयूष गोयल की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली।कांग्रेस में जितिन प्रसाद का कद काफी बड़ा था। वह केंद्र की मनमोहन सरकार में मंत्री भी रहे। बताया गया कि हाल में पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार के प्रभारी रहे, मगर बीते कुछ सालों में जितिन का प्रभाव सिमटता चला गया।
नई दिल्ली। यूपी में अगले बरस विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। मिली जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी के खासमखास रहे कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीयूष गोयल की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। बताते चलें कि कांग्रेस में जितिन प्रसाद का कद काफी बड़ा था।
वह केंद्र की मनमोहन सरकार में मंत्री भी रहे। बताया गया कि हाल में पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार के प्रभारी रहे, मगर बीते कुछ सालों में जितिन का प्रभाव सिमटता चला गया। बताया गया कि वह अपने इलाके और अपनी सीट भी नहीं संभाल सके। वे लगातार दो बार लोकसभा और एक बार विधानसभा चुनाव हार गए। बताया जाता है कि कांग्रेस में संगठन की जिम्मेदारी लेकर भी जितिन सफल नहीं रहे।
बताया गया कि इनके प्रभारी रहते ही हाल के पश्चिम बंगाल चुनावों में कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया। वहीं 44 सीटों से कांग्रेस जीरो पर आ गई। वहीं अब यूपी में जितिन की परफॉर्मेंस की बात करें तो यहां भी वह कुछ खास कमाल नहीं कर सके। बीते तीन बार से लगातार चुनावों में उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ रहा है।
ये ट्रैक रिकॉर्ड इस बात को भी बताता है कि शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बरेली समेत रूहेलखंड के इलाके में जो जनाधार उनके पिता जितेंद्र प्रसाद और कांग्रेस ने बनाया था। वो करीब खत्म सा हो चला है। बताया गया कि हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में शाहजहांपुर के खुटार में वार्ड-एक से जितिन की भाभी राधिका प्रसाद खड़ी थीं। मगर उन्हें भाजपा प्रत्याशी पूजा मिश्रा ने हरा दिया।
ये है जितिन का कांग्रेस का सफर
गौरतलब है कि जितिन प्रसाद वर्ष 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव बने। इसके बाद फिर वर्ष 2004 में अपने गृह लोकसभा सीट,शाहजहाँपुर से 14वीं लोकसभा चुनाव चुनाव लड़े और जीत भी हासिल की। वहीं वर्ष 2008 में जितिन प्रसाद को पहली बार केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री बनाया गया था।
वहीं जितिन प्रसाद वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा चुनाव लोकसभा धौरहरा से चुनाव लड़े और 184,509 वोटों से जीते भी।
जितिन प्रसाद वर्ष 2009 से 18 जनवरी 2011 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, 19 जनवरी 2011 से 28 अक्टूबर 2012 तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और 28 अक्टूबर 2012 से मई 2014 तक मानव संशाधन एवं विकास मंत्रालय, यूपीए सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं।