जन्मे जगत के पालनहार, ब्रज सहित भारत भर में गूंजी जय-जयकार

टीम भारत दीप |
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भगवान ने चांदी के कमल पुष्प से जन्म लिया।
भगवान ने चांदी के कमल पुष्प से जन्म लिया।

मध्यरात्रि में ठीक 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद सबसे पहले आरती की गई।

मथुरा। जगत के पालन हार भगवान श्रीकृष्ण ने एक बार फिर धरती पर अवतार लेकर भक्तों का धन्य किया। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के जन्म के बाद उनका अभिषेक किया जा रहा है। भारत भर के मंदिरों में भगवान के जन्म का आयोजन हो रहा है। इस बार कोरोना के कारण भक्त केवल आॅनलाइन ही भगवान के दर्शन कर रहे हैं। 

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित भागवत भवन में जन्माष्टमी का मुख्य आयोजन चल रहा है। मंदिर प्रबंधन की ओर से यहां भजन संकीर्तन का आयोजन किया गया है। आयोजन में चुनिंदा लोग ही आमंत्रित हैं।

मध्यरात्रि में ठीक 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद सबसे पहले आरती की गई। भगवान ने चांदी के कमल पुष्प से जन्म लिया। इसके बाद चांदी की गाय के कृत्रिम रूप से निकले दूध से प्रभु का अभिषेक हुआ। इसके बाद महंत नृत्यगोपाल दास ने सरयू के जल से भगवान का अभिषेक किया। करीब 51 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया।  इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान के ट्रस्टी अनुराग डालमिया, जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा आदि मौजूद रहे।  

वृंदावन के ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में ठाकुर जी के जन्म के बाद मंगला आरती की गई। परंपरा के अनुसार ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में लाइव दर्शन की अनुमति नहीं है। 

इसके अलावा देशभर से दिल्ली, नोएडा, भोपाल आदि सभी शहरों में मंदिरों में भगवान के जन्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी के दिन मध्यरात्रि में हुआ था। इसलिए मंदिरों में रात को 12 बजे ही आयोजन किए जाते हैं।


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