प्रयगराज में भाई से झगड़े के बाद बहन ने मारी गोली, खुद को बचाने बनाई झूठी कहानी

टीम भारत दीप |

किशोरी ने खुद को बचाने पुलिस को किया गुमराह।
किशोरी ने खुद को बचाने पुलिस को किया गुमराह।

भाई से झगड़ा होने के बाद किशोरी ने बंदूक ​निकालकर तीन गोली मार दी। इसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी गढ ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घालय को अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी हालत गंभीर बनीं हुई है।

प्रयागराज। भाई से झगड़ा होने के बाद किशोरी ने बंदूक ​निकालकर तीन गोली मार दी। इसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी गढ ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घालय को अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी हालत गंभीर बनीं हुई है। 

जानकारी के अनुसार प्रयागराज के थाना क्षेत्र के चकरघुनाथ मोहल्ले में इंस्पेक्टर की 15 वर्षीय बेटी ने भाई अमरेंद्र सिंह (17) को झगड़े के बाद गोली मार दी।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंची, जहां उसकी हालत गंभीर है। घटना के बाद खुद को बचाने के लिए  किशोरी ने झूठी कहानी बनाकर मामले को लूट व हत्या के प्रयास के रूप में बदलने का प्रयास किया।

पुलिस ने मामला संदिग्ध होने के बाद घर के आसपास तफ्सीस करते हुए छात्रा से पूछताछ की। फिर घर के भीतर से ही पिस्टल बरामद कर खुलासा कर दिया। इंस्पेक्टर सभाजीत सिंह मौजूदा समय में आजमगढ़ कोरोना सेल में तैनात हैं।

प्रयागराज में उनकी पत्नी सुभद्रा, नौवी में पढने वाली बेटी के अलावा बेटा अमरेंद्र रहता है जो जीआईसी में 11वीं का छात्र है। मंगलवार रात 7.30 बजे के करीब अचानक इंस्पेक्टर के घर से फायरिंग की आवाज आने से मोहल्ले में हड़कंप मच गया।

जब लोग घर में दाखिल हुए तो अमरेंद्र खून से लथपथ जमीन पर पड़ा था। उसे तीन गोलियां मारी गई थीं जो उसके पेट व सीने में लगी थीं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया।

उधर जानकारी पर एसपी यमुनापार चक्रेश मिश्रा व सीओ करछना सोमेंद्र मीणा भी आ गए। पूछताछ में इंस्पेक्टर की बेटी ने बताया कि बाइक से आए तीन युवक बाउंड्री कूदकर घर के भीतर आए और उसे पीटना शुरू कर दिया।चीख सुनकर भाई अमरेंद्र बचाने आया तो उसे एक के बाद एक तीन गोलियां मारकर भाग निकले।

हमलावरों ने चेहरे पर मास्क बांध रखा था ऐसे में वह उन्हें पहचान नहीं सकी। यह भी बताया कि हमलावर भागते वक्त आलमारी का लॉक तोडक़र गहने भी उठा ले गए।

पुलिस ने जांच पड़ताल की तो घर में किसी के जबरन घुसने के सबूत नहीं मिले। घर के पास लगे सीसीटीवी फुटेज में भी उसके बताए हुलिए वाला कोई शख्स नहीं दिखा। कुछ ही देर बाद किचेन में छिपाकर रखे गए गहने भी मिल गए।

शक गहराने पर पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की गई तो वह टूट गई और वारदात को अंजाम देने की बात कबूल कर ली। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। देर रात तक उससे पूछताछ चलती रही। 


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