स्मृति का तंज, दुष्कर्म के बाद नेता जी कहते थे, लड़कें हैं गलती हो जाती है , अब दुष्कर्मियों की खैर नहीं
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स्मृति बोलीं कि महिलाएं याद करें, अपने दिल को टटोलें कि कैसे शाम नहीं, बल्कि दिन भी घर से निकलने में डराता था। महिला-बेटियों का उत्पीड़न होता था तो एक राजनीतिक दल के सर्वेसर्वा कहते थे कि लड़के हैं, गलती हो जाती है।
लखनऊ। यूपी चुनाव विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी के सारे नेता मैदान में उतरकर सरकार की योजनाएं बता रहे है। इस क्रम में अवध क्षेत्र की प्रबुद्ध महिलाओं से भरे हाल में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यूप के पुराने दिनों की याद अपने अंदाज में दिलाने का भरसक प्रयास किया।
स्मृति बोलीं कि महिलाएं याद करें, अपने दिल को टटोलें कि कैसे शाम नहीं, बल्कि दिन भी घर से निकलने में डराता था। महिला-बेटियों का उत्पीड़न होता था तो एक राजनीतिक दल के सर्वेसर्वा कहते थे कि लड़के हैं, गलती हो जाती है।
घर की दहलीज लांघना भी चुनौती थी। मोदी-योगी सरकार के बाद आए बदलाव का उल्लेख विभिन्न उदाहरणों से करते हुए स्मृति ने हुंकार भरी अब कोई किसी बेटी का दुपट्टा उड़ाएगा तो सलाखों के पीछे होगा।
मालूम हो कि भाजपा महिला मोर्चा का शनिवार को नौवें और अंतिम कमल शक्ति संवाद कार्यक्रम हुआ था, इसमें अवध क्षेत्र की प्रबुद्ध महिलाएं बुलाई गई थीं। बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रबुद्ध का मतलब शिक्षा, कारोबार, प्रतिष्ठा आदि से नहीं है।
एक परिवार में जन्म लेकर दूसरे परिवार को समृद्ध करने वाली हर महिला प्रबुद्ध है। मुश्किल दौर में खुद पानी पीकर परिवार के अन्य सदस्यों को रोटी खिला देने की शिक्षा बेटी को देने वाली महिला प्रबुद्ध है। कानून व्यवस्था को अंतर समझाते हुए बोलीं कि आज बेटी घर की दहलीज के बाहर जाए तो विश्वास रहता है कि वह सिर उठाकर गई है तो सिर झुकाकर नहीं लौटेगी।
एंटी रोमियो स्क्वायड ने सिखाया सबक
सीएम योगी ने जब एंटी रोमियो स्क्वायड बनाया तो तंज कसा गया कि यह कैसी सरकार है, लेकिन परिवारों ने समझा कि यही दरकार है। मंत्री ने कहा कि सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, सम्मान भी मिला। पहले महिला अपना बैंक खाता खुलवाने में हिचकती थी, आज वह बैंक सखी बनकर दूसरों के खाते खुलवा रही है।
उन्होंने कई योजनाओं का उल्लेख करते हुए महिलाओं को समझाया कि मोदी और योगी सरकार कैसे महिलाओं के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाली नौ महिलाओं को सम्मानित भी किया।
देश की खातिर वापस लिए कृषि कानून
महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद गीता शाक्य ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानून वापस लिए जाने पर कई तरह की बातें विपक्ष कर रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि यदि कोई बेटी किसी लफंगे से शादी करने पर आमादा हो जाए, तब दूसरी वजहों से माता-पिता को मजबूरन झुकना पड़ता है।
उसी स्थिति में कृषि कानून देश की खातिर वापस लिए गए हैं। मंच पर महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता, मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विजय बहादुर पाठक और क्षेत्रीय अध्यक्ष गोदावरी मिश्रा भी थीं।
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