सोशल मीडिया: नहीं मिली कोई मदद तो पीठ पर लादकर कोरोना पॉजिटिव ससुर को पहुंचाया अस्पताल
निहारिका दास के 75 वर्षीय ससुर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसकी मदद को कोई आगे नहीं आया। बताया गया कि उसे एंबुलेंस भी नहीं मिली। जिसके बाद निहारिका ने किसी तरह से एक गाड़ी की व्यवस्था की। मगर गाड़ी तक ससुर को कोई पहुंचाने वाला भी नहीं मिला तब निहारिका ने उन्हें पीठ पर लादकर गाड़ी तक लाईं और फिर अस्पताल पहुंचाया।
सोशल मीडिया डेस्क। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर हमारे यहां स्वास्थ्य व्यवस्था की बेहतरी के सरकारी दांवों की पोल खोलने को काफी है। जानकारी के मुताबिक असम के नागांव के राहा इलाके की रहने वाली निहारिका दास के 75 वर्षीय ससुर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसकी मदद को कोई आगे नहीं आया। बताया गया कि उसे एंबुलेंस भी नहीं मिली।
जिसके बाद निहारिका ने किसी तरह से एक गाड़ी की व्यवस्था की। मगर गाड़ी तक ससुर को कोई पहुंचाने वाला भी नहीं मिला तब निहारिका ने उन्हें पीठ पर लादकर गाड़ी तक लाईं और फिर अस्पताल पहुंचाया। बताया गया कि निहारिका के ससुर पान सुपारी बेचने का काम करते हैं। निहारिका के मुताबिक 2 जून को उनके ससुर के अंदर कोरोना के लक्षण दिखने लगे थे।
जिसके बाद निहारिका ने किसी तरह आटो की व्यवस्था की और किसी तरह अपने ससुर को अस्पताल पहुंचाया। निहारिका के मुताबिक मेरे ससुर काफी कमजोर महसूस कर रहे थे। बताया गया कि वह खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। काम के सिलसिले में मेरे पति सिलीगुड़ी में हैं।
कहा कि हमारे घर के पास की गली संकरी थी, इससे आटो घर तक नहीं जा सकता था। ऐसे में मेरे सामने अपनी पीठ पर लाद कर ले जाने के सिवाए और कोई चारा नहीं था। निहारिका की दिक्कतें अभी भी खत्म नहीं हुई। बताया गया कि नजदीक के अस्पताल में ले जानें पर डॉक्टरों ने उन्हें कोविड सेंटर ले जाने के लिए कहा जो 21 किलोमीटिर दूर है।
बताया गया कि निहारिका ने किसी तरह अपने ससुर को कोविड सेंटर तक पहुंचाया। जानकारी के मुताबिक निहारिका दास के पास उनका 6 वर्षीय बेटा भी है।