अलाव की चिंगारी बनी काल, मां समेत तीन मासूमों की जिन्दा जलकर मौत
आग की लपटें इतनी विकराल थीं कि किसी को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिल सका। आग की भयंकर लपटों को देख यहां कोहराम मच गया। बावजूद इसके यहां जुटे किसी ने भी अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
बांदा। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां शनिवार को संदिग्ध हालात में कच्चे घर में आग लग जाने से इसमें मां समेत तीन मासूम बच्चे जिन्दा जलकर मर गए। हालांकि आग लगने के स्पष्ट कारण अभी तक पता नहीं लग पाए हैं। वहीं गांव के लोग आग लगने की वजह अलाव की चिन्गारी को बता रहे है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
बताया जा रहा है कि घर में भूसा भरे होने और लकड़ी की धन्नियां लगी होने से आग ने विकराल रूप ले लिया। आग की लपटें इतनी विकराल थीं कि किसी को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिल सका। आग की भयंकर लपटों को देख यहां कोहराम मच गया। बावजूद इसके यहां जुटे किसी ने भी अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
वहीं आग लगने की सूचना पर सुबह करीब साढ़े आठ बजे थाना पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाने के बाद मलबे से शवों को खोजकर बाहर निकाला। मौके पर एसडीएम व सीओ समेत कई आला अधिकारी पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक दुबे का पुरवा मजरा निवासी कल्लू राजस्थान के जयपुर में मजदूरी करता है।
उसकी पत्नी 35 वर्षीय संगीता अपने तीन बच्चों नौ वर्षीय अंजली, छह वर्षीय बेटे आशीष और तीन साल की बेटी छोटी के साथ रहती थी। सुबह करीब साढ़े चार बजे ग्रामीणों ने उसके घर से आग की लपटें निकलते देखीं तो शोर मचाया। गांव वालों ने जब आग बुझने के बाद दरवाजा तोड़ा तबतक पूरा घर खाक हो मलबे में तब्दील हो चुका था।
हर ओर जला हुआ मलबा पड़ा था और धुआं उठ रहा था। अपर एसपी महेंद्र प्रताप चैहान के मुताबिक आग लगने का कारण फिलवक्त स्पष्ट नहीं हो पाया है। जांच जारी है। सभी शवों को निकालकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी।