यूपी में पशुओं को मिलेगी विशेष पहचान, सड़क पर छोड़ने पर होगी कार्रवाई
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किसान दिन रात मेहनत करके खेती करते हैं। किसानों की फसल को आवारा मवेशी चट कर जाते हैं। बेसहारा मवेशियों की समस्या खत्म करने के लिए प्रशासन इन पशुओं के कान में एक विशेष छल्ला लगाएगा।
देवरिया। प्रदेश में बेसहारा पशु किसानों के लिए सिरदर्द साबित हो रहे है। किसान दिन रात मेहनत करके खेती करते हे। किसानों की फसल को आवारा मवेशी चट कर जाते है। बेसहारा मवेशिया की समस्या खत्म करने के लिए प्रशासन इन पशुओं के कान में एक विशेष छल्ला लगाएंगे। यह छल्ला आसानी से अब उसके मालिक का पता चल जाएगा। सरकार की ओर से आधार की तरह सभी पशुओं को भी 12 डिजिट की विशिष्ट पहचान संख्या दी जा रही है। पशुओं को सड़क पर छोड़ने पर कार्रवाई की जाएगी।
अमर उज्जाला में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार पशुओं की गणना करेगा। और पशुओं को 12 अंक का एक विशेष नंबर भी जा रहा है। इस नंबर के जरीए पशु चोरी या गुम होने पर तो उसका तुरंत पता चल जाएगा। साथ ही अगर किसी ने पशु को सड़क पर छोड़ रखा है तो इससे उसका पता लगाया जा सकेगा। इस नंबर के जरिए पशुओं का टीकाकरण व अन्य सुविधाएं पशुपालकों को दी जा सकेंगी।
जारी रिपोर्ट के अनुसार देवरिया में कुल चार लाख साठ हजार पशु हैं। जिसमें एक लाख 85 हजार पशुओं को टैग लगाया जा चुका है। शुरुआत में केवल उन्हीं पशुओं को यह टैग लगाया गया, जिनका कृत्रिम गर्भाधान किया गया। टैग नंबर उपलब्ध होने के बाद अब जिन पशुओं का टीकाकरण हो रहा है, अब उन्हें भी यह टैग लगाया जाने लगा है।
देवरिया के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी विकास साठे ने बताया कि भारत सरकार के निर्देश पर यह कार्यक्रम पूरे जिले में तेजी से चलाया जा रहा है। इससे पशु संवर्धन नस्ल सुधार सहित प्रत्येक पशु के स्वास्थ्य की जानकारी एक ही क्लिक में ली जा सकेगी। इसके लिए आइएनएएच पोर्टल बनाया गया है।पोर्टल पर सारी जानकारी होगी अपलोड
उन्होंने बताया कि इसमें पशुओं को टैग लगाने के बाद उसके मालिक का नाम, जानवर का प्रकार, कब-कब उसे टीके लगाए गए हैं, उसका कृत्रिम गर्भाधान हुआ है कि नहीं सहित अन्य जानकारी पोर्टल में लोड की जाती है।
पशुओं के कान से यदि को टैग नंबर को निकाल देता है या तोड़ देता है तो उसे फिर से नहीं लगाया जा सकता। उसकी जगह दूसरा टैग नंबर जारी किया जाएगा। प्रथम चरण में केवल गाय और भैंस का ही टैग नंबर जारी किया जा रहा है।अब बैल व सांड़ का भी टैग नंबर जारी करना शुरू कर दिया गया है। इसके लिए पशुपालकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। सरकार की तरफ से प्रति पशु टीकाकरण के लिए 3.50 रुपये एवं टैगिंग के लिए 2.50 रुपये मानदेय के रूप में दिया जाता है।