हड़ताल: सरकार की नीतियों के खिलाफ आज और कल बंद रहेंगे बैंक, इन क्षेत्रों में भी दिखेगा असर

टीम भारत दीप |

30-31 मार्च को भी बैंकों में ग्राहकों के लिए सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
30-31 मार्च को भी बैंकों में ग्राहकों के लिए सेवाओं पर असर पड़ सकता है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि हड़ताल के कारण उसकी सेवाएं कुछ हद तक प्रभावित हो सकती हैं। उसने कामकाज को सामान्य तौर पर संचालित करने के लिए जरूरी इंतजाम भी किए हैं। पंजाब नेशनल बैंक ने कहा है कि बैंक के कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल को लेकर नोटिस दिया है, इससे सेवाओं पर असर पड़ सकता है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में कामगार संगठनों ने 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। बैंक संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन करते हुए सोमवार और मंगलवार को बैंक बंद रखने का फैसला किया है।

हड़ताल व बैंकों की बंदी के चलते बैंकिंग, परिवहन, रेलवे, रक्षा व बिजली आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। बंद को देखते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने सरकार से सभी प्रतिष्ठानों और एजेंसियों को हाईअलर्ट पर रहने, निरंतर बिजली आपूर्ति बनाए रखने और राष्ट्रीय ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने को कहा है।

यह संगठन बंद में शामिल

संयुक्त मंच में आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीआईटीयू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी शामिल हैं।कोयला, इस्पात, तेल, टेलिकॉम, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें देशभर में सैकड़ों जगह हड़ताल के समर्थन में भारत बंद करेंगी। 

बंद से यह होगा प्रभावित

देशव्यापी हड़ताल में कोयला, स्टील, तेल, दूरसंचार, पोस्टल, आयकर, कॉपर, बैंक और बीमा क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों के कामगार संघ शामिल हो सकते हैं। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें भी हड़ताल के समर्थन में कई जगहों पर एकत्र होंगी। इन कारण इन क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित हो सकता है। इससे आम लोगों को परेशानी हो सकती है।

इन राज्यों में एस्मा के बावजूद प्रदर्शन

हरियाणा और चंडीगढ़ में आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू करने की धमकी के बावजूद रोडवेज, परिवहन और बिजली विभागों के कर्मियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया है। बैंकिंग और बीमा समेत वित्तीय क्षेत्र के कर्मी भी हिस्सा ले रहे हैं।

बैंक संघों की मांग, निजीकरण रोका जाए

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि हमारी मांग सरकारी क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को रोकना और इन्हें मजबूत करना है। इसके साथ ही फंसे कर्ज की शीघ्र वसूली, बैंकों द्वारा उच्च जमा दर, उपभोक्ताओं पर निम्न सेवा शुल्क और बैंक कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की भी मांग है। 

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि हड़ताल के कारण उसकी सेवाएं कुछ हद तक प्रभावित हो सकती हैं। उसने कामकाज को सामान्य तौर पर संचालित करने के लिए जरूरी इंतजाम भी किए हैं। पंजाब नेशनल बैंक ने कहा है कि बैंक के कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल को लेकर नोटिस दिया है, इससे सेवाओं पर असर पड़ सकता है।

केनरा बैंक, आरबीएल बैंक, यूनियन बैंक ने भी कहा है कि उनकी सेवाओं पर असर पड़ सकता है। दो दिन की हड़ताल के बाद वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में क्लोजिंग के कारण 30-31 मार्च को भी बैंकों में ग्राहकों के लिए सेवाओं पर असर पड़ सकता है।

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