कृषि कानूनों के खिलाफ संग्राम: पंजाब से चले किसान दिल्ली पहुंचने के करीब, सरकार की बात मानने से इंकार
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मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधारों के लिए तीन कानूनों के विरोध में देशभर के किसान गुरुवार से सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। शुक्रवार को आंदोलन का दूसरा दिन है। मालूम हो कि गुरुवार को पंजाब से दिल्ली कूच पर अड़े किसानों को पुलिस के वाटर कैनन की बौछारें, रास्ते जाम करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स और आंसू गैस के गोले भी नहीं रोक पाए।
नईदिल्ली। मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधारों के लिए तीन कानूनों के विरोध में देशभर के किसान गुरुवार से सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। शुक्रवार को आंदोलन का दूसरा दिन है।
मालूम हो कि गुरुवार को पंजाब से दिल्ली कूच पर अड़े किसानों को पुलिस के वाटर कैनन की बौछारें, रास्ते जाम करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स और आंसू गैस के गोले भी नहीं रोक पाए। किसान लगातार आगे बढ़ रहे हैं। रात 2.30 बजे वे दिल्ली से कुंडली बॉर्डर से महज 8 किमी दूर थे। किसानों ने हरियाणा के सभी बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं, अब शुक्रवार का नाश्ता दिल्ली में ही करेंगे।
इससे पहले चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाइवे पर अंबाला में स्थित सद्दोपुर बॉर्डर पर किसानों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स तोड़कर घग्घर नदी में फेंक दिए और दिल्ली की ओर बढ़ गए। नेशनल हाइवे जाम होने की वजह से लोगों को काफी परेशानी हुई।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि 3 दिसंबर को उनसे बात की जाएगी, पर किसान अपनी बात पर अड़े हैं। वे केंद्र के तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर ट्रकों को आड़ा-तिरछा खड़ा कर रखा है। बॉर्डर पर वाहनों का लंबा जाम है।
वहीं शुक्रवार से किसान उत्तर प्रदेश में भी प्रदर्शन करने को ऐलान कर चुके है।, इससे पहले बुधवार को दिल्ली जा रही मेधापाटेकर को आगरा में रोका गया तो वे वहीं सड़क पर बैठ गई, इस वजह से काफी लंबा जाम लग गया।
भारतीय किसान यूनियन ने शुक्रवार से प्रदेशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया है, वहीं दिल्ली में किसानों को जाने से रोकने पर बोलते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 'अगर किसान दिल्ली नहीं जा सकते, तो सरकार उन्हें इस्लामाबाद भेज दे। मालूम हो कि इस बार किसान आरपार की लडाई के मूड में है, इस बार वे घर से राशन लेकर चले है।