वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर 1 रूपये जुर्माना, जानिए इस सजा का मतलब

टीम भारत दीप |
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वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण

भारत के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों पर टिप्पणी को लेकर शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। भूषण ने यह टिप्पणी अपने ट्विटर अकाउंट से की। कोर्ट ने इसे गंभीर माना और उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी पाए जाने के बाद 1 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रशांत भूषण का कहना है कि वे इस जुर्माने को स्वीकार करते हैं, वे जुर्माना भरेंगे लेकिन पुनर्विचार याचिका भी दायर करेंगे। 

बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों पर टिप्पणी को लेकर शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। भूषण ने यह टिप्पणी अपने ट्विटर अकाउंट से की। कोर्ट ने इसे गंभीर माना और उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया। 

पहले उनकी सजा पर एलान 20 अगस्त को होना था लेकिन कोर्ट ने अटाॅर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से राय मांगी। केके वेणुगोपाल ने कहा कि प्रशांत भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने 25 अगस्त को उनकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया। 

सोमवार 31 अगस्त को जस्टिस अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने प्रशांत भूषण को एक रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि 15 सितंबर तक भूषण अगर ये जुर्माना अदा नहीं करते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल और तीन साल तक प्रैक्टिस से रोक की सजा काटनी होगी। 

इसी के साथ कोर्ट ने टिप्पणी की कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता लेकिन दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान किए जाने की आवश्यकता है। इससे पहले कोर्ट ने प्रशांत भूषण को माफी मांगने के लिए भी कहा था लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया। 

1 रूपये जुर्माने का मतलब
सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश के एक सीनियर एडवोकेट पर केवल एक रूपये के जुर्माने को आप भले ही छोटी सजा मान रहे हों लेकिन असल में कोर्ट द्वारा किसी को दोषी ठहराया जाना ही सबसे बड़ी बात होती है। इसी प्रकार जुर्माने की राशि कम या ज्यादा होने का मतलब नहीं है, जुर्माना भरने से ही यह साबित हो जाएगा कि दोषी ने अपनी सजा पूरी कर ली। 

चूंकि अवमानना को कोर्ट का व्यक्तिगत विषय माना जाता है, ऐसे में कोर्ट को अधिकार है कि वह दोषी पर जुर्माना लगाए, जेल भेज या चेतावनी देकर ही छोड़ दे। इसमें किसी विशिष्ट सजा का उल्लेख नहीं है। 

हालांकि प्रशांत भूषण को सजा सुनाए जाने के बाद वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने उन्हें 1 रूपये का सहयोग दिया। प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस चीज के लिए उन्हें दोषी ठहराया है कि वह हर नागरिक का सबसे बड़ा कर्तव्य है। वे पहले ही कह चुके हैं कि कोर्ट उन्हें जो भी सजा देगा वह उन्हें स्वीकार होगी। 


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