सुप्रीम कोर्ट का आदेशः कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए कदमों का हाईकोर्ट को ब्यौरा दे यूपी सरकार

टीम भारत दीप |

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट को पक्षकार बनाने पर नाराजगी जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट को पक्षकार बनाने पर नाराजगी जताई।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के 5 शहरों में लॉकडाउन लगाने के इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले पर भी रोक लगा लगाई है। मामले पर दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के लॉकडाउन लगाने के आदेश को यूपी सरकार ने सर्वोच्च न्यायलय में चुनौती दी थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार की सुनवाई में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि इससे योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है।

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यूपी के 5 शहरों में लाॅकडाउन लगाने के आदेश पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। यूपी सरकार द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने मंगलवार को आदेश दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले एक सप्ताह में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए जो भी कदम उठाएं हैं।

उसे हाइकोर्ट के सामने प्रस्तु किया जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के 5 शहरों में लॉकडाउन लगाने के इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले पर भी रोक लगा लगाई है। मामले पर दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के लॉकडाउन लगाने के आदेश को यूपी सरकार ने सर्वोच्च न्यायलय में चुनौती दी थी।

जिसपर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार की सुनवाई में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि इससे योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है। उधर यूपी सरकार की ओर कोरोना रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों को हाईकोर्ट में पेश करने के लिए भी कहा है। मीडिया रिपोर्टृस के मुताबिक यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बात रखी।

बताया गया कि सुनवाई के दरम्यान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट को पक्षकार बनाने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट को प्रतिवादी की लिस्ट से हटाया जाए। सुप्रीम कोर्ट में वकील तुषार मेहता के मुताबिक राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए कई कदम उठाए हैं और कई उठाने जाने हैं। बताया गया कि  हाईकोर्ट का लॉकडाउन लगाने का फैसला सही नहीं है।

उधर सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने मंगलवार को अपने आदेश में यूपी सरकार से कहा है कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए उसने एक सप्ताह के भीतर जो भी कदम उठाए हैं उसे हाइकोर्ट के सामने प्रस्तुत करे।


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