व्हाट्सऐप पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, यूं लगाई क्लास, कही ये बातें

टीम भारत दीप |

सुप्रीम कोर्ट ने इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप को कड़ी फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप को कड़ी फटकार लगाई है।

व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चल रहे विवाद के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप को कड़ी फटकार लगाई है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सऐप से कहा है कि वह यह लिखकर दें कि यूजर्स का डेटा किसी तीसरी पार्टी के साथ साझा नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली। इन दिनों व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चल रहे विवाद के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप को कड़ी फटकार लगाई है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सऐप से कहा है कि वह यह लिखकर दें कि यूजर्स का डेटा किसी तीसरी पार्टी के साथ साझा नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने मामले में फेसबुक, केंद्र सरकार और व्हाट्सऐप को नोटिस भी जारी किया है।

वहीं मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी है। जानकारी के मुताबिक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि लोगों को अपनी निजता को लेकर बहुत चिंता है। आप (व्हाट्सऐप) दो ट्रिलियन या तीन ट्रिलियन की कपंनी होंगे, लेकिन निजता आपके पैसों से ज्यादा अहम है। कोर्ट ने कहा कि लोगों की निजता को सुरक्षित रखना आपकी ड्यूटी है।

बताते चलें कि कोर्ट ने यह फैसला साल 2016 में आई व्हाट्सऐप पॉलिसी को लेकर सुनाया है। व्हाट्सऐप की निजता पॉलिसी के खिलाफ कर्मण्य सिंह सरीन ने साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि जबसे फेसबुक ने व्हाट्सऐप को खरीदा है। तभी इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप के यूजर्स का डेटा फेसबुक के साथ शेयर किया जा रहा है।

बताया गया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट की संविधानिक पीठ के पास लंबित है। याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कोर्ट में यह भी कहा कि व्हाट्सऐप यूरोपिय यूजर्स की तुलना में भारतीय यूजरों से भेदभाव करता है। उधर व्हाट्सऐप की तरफ से कोर्ट में दलील दे रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कोई भी संवेदनशील निजी जानकारी तीसरे पक्ष के साथ शेयर नहीं की जा रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि मामला अभी दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है। वहीं केंद्र की ओर से कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि कोई कानून हो या नहीं लेकिन निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों का हिस्सा है। व्हाट्सऐप को निजता के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। उन्हें डेटा नहीं शेयर करना चाहिए।

बताते चलें कि व्हाट्सऐप की नई नीति के तहत यूजर्स या तो उसे स्वीकार कर सकते हैं या उन्हें ऐप का इस्तेमाल बंद करना पड़ेगा। यूजर्स के पास फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी द्वारा तीसरे पक्ष से डाटा साझा नहीं करने का विकल्प चुनते हुए ऐप का इस्तेमाल करने का विकल्प नहीं है।


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