मुश्किल में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य, बसपा के टिकट पर मैदान में उतरे सपा के पूर्व अध्यक्ष
बसपा ने भी उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और घोषित प्रत्याशी संतोष तिवारी का टिकट काटकर इलियास को फाजिलनगर के ही चुनावी मैदान में उतार दिया। उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के साथ ही इलियास और उनके समर्थक खुलकर विरोध में आ गए थे।
गोरखपुर। भाजपा छोड़कर सपा की साइकिल सवारी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के फाजिलनगर से प्रत्याशी बनने के बाद उठी विरोध की आवाज अब चुनावी रण में भी सुनाई देगी। टिकट कटने से बागी तेवर दिखाने वाले सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी ने बसपा की सदस्यता ले ली।
बसपा ने भी उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और घोषित प्रत्याशी संतोष तिवारी का टिकट काटकर इलियास को फाजिलनगर के ही चुनावी मैदान में उतार दिया। उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के साथ ही इलियास और उनके समर्थक खुलकर विरोध में आ गए थे।
पहले भाजपा में थे इलियास
इलियास तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के गांव ठाड़ीभार के निवासी हैं। 58 वर्षीय इलियास ने स्नातक की डिग्री किसान पीजी कालेज सेवरही, एमए राजर्षि विश्वविद्यालय व बीएड की डिग्री गोरखपुर विश्वविद्यालय से हासिल की है। वर्ष 1980 में जनता पार्टी से राजनीति की शुरुआत की, फिर लोकदल में आए।
1992 में समाजवादी पार्टी का दामन थामा और तबसे वहीं बने रहे। वर्ष 1993 से 1995 तक लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष रहे। 1995 शिक्षक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष। 1997 मे अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष बने। 1999 में युवजन सभा के जिलाध्यक्ष बने।
वर्ष 2000 में समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव बनाए गए और इस पद पर 2011 तक बने रहे। वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष बने। इस बार उनको सपा से प्रबल उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने बसपा का दामन लिया। बसपा ने घोषित प्रत्याशी संतोष तिवारी का टिकट काटकर उनको मैदान में उतार भी दिया। ऐसे में अब यहां का सियासी समीकरण भी बदलेगा।
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