आगरा में 56 वर्ष की महिला में मिले ब्लैक फंगस के लक्षण, मथुरा में दो ब्लैक फंगस के मरीज मिले

टीम भारत दीप |

अस्पताल से आने के बाद से महिला को आंखों से दिखना बंद हो गया।
अस्पताल से आने के बाद से महिला को आंखों से दिखना बंद हो गया।

यह बेहद गंभीर बीमारी है। कोरोना संक्रमित मरीज और जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है, वह इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए स्टेरॉयड दिया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक स्टेरॉयड से ब्लैक फंगस को बढ़ने का मौका मिलता है।जिले में ब्लैक फंगस के दो मामले सामने आए हैं।

आगरा। अभी कोरोना रूपी महामारी से मुक्ति नहीं मिल पाई थी कि ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने दस्तक दे दी है। बुधवार को एसएन मेडिकल कॉलेज में पहला मामला सामने आया। यहां एक 56 वर्ष की महिला में इसके लक्षण मिले हैं।

उसको अलग रख कर उपचार शुरू कर दिया गया है। वहीं मथुरा में दो ब्लैक फंगस के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए दिल्ली रेफर किया गया है।   ब्लैक फंगस का पहला मरीज मिलने पर डॉ. आशीष गौतम उसका इलाज कर रहे है।

बुधवार शाम महिला मरीज की एचआरसीटी रिपोर्ट देखने पर ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे। डॉ. आशीष गौतम के मुताबिक मरीज में अभी बीमारी के शुरूआती लक्षण ही हैं। गुरुवार को उसकी आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी। 

ब्लैक फंगस की आगरा में दस्तक ने चिकित्सकों की चुनौतियां और बढ़ा दी हैं। यह बेहद गंभीर बीमारी है। कोरोना संक्रमित मरीज और जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है, वह इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए स्टेरॉयड दिया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक स्टेरॉयड से ब्लैक फंगस को बढ़ने का मौका मिलता है।

जिले में ब्लैक फंगस के दो मामले सामने आए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। एक केस में संक्रमित को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया है, जबकि दूसरे केस में संक्रमित के परिवार के लोग अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। 

आंखों से दिखना हुआ बंद

मथुरा के मानस नगर निवासी 42 वर्षीय युवक की कोरोना रिपोर्ट आने के बाद वे घर पर ही आइसोलेट हो गए और स्थानीय एक नर्सिंग होम के डॉक्टर का उपचार चलता रहा। कुछ दिन के बाद संक्रमित सही भी हो गया।

दस मई को उनकी आंखों में कुछ परेशानी हुई और आंखें लाल हो गईं और दिखना कम होता गया। इसके बाद वृंदावन के ब्रज हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर में दिखाया, जहां डॉक्टरों ने एनसीआर के अस्पताल ले जाने की सलाह दी। 

परिवार वाले काट रहे अस्पताल के चक्कर

बुधवार को एनसीआर के अस्पताल में उन्हें ब्लैक फंगस होने की जानकारी मिली है। इधर, वृंदावन के बनखंडी क्षेत्र निवासी 72 वर्षीय महिला को भी ब्लैक फंगस की समस्या सामने आई है। 23 अप्रैल को कोरोना पॉजिटव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें राम कृष्ण मिशन अस्पताल में भर्ती कराया था।

9 मई को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला को घर भेज दिया गया। अस्पताल से आने के बाद से महिला को आंखों से दिखना बंद हो गया। इसके बाद परिवार के लोग अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। 
 


संबंधित खबरें