तालिबान ने कंधार पर किया कब्जा, ट्वीट कर दी जानकारी,विदेशी छोड़ रहे हैं अफगानिस्तान
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इससे पहले गुरुवार को तालिबान ने जो अब देश के लगभग दो-तिहाई हिस्से पर नियंत्रण रखता है। उसने राजधानी से लगभग 150 किलोमीटर दूर कंधार से काबुल मार्ग पर स्थित गजनी पर कब्जा कर लिया। गजनी शहर पर आतंकियों का कब्जा रणनीतिक रूप से अफगान बलों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
काबुल। पड़ोसी देश अफगानिस्तान इस समय काफी तनाव भरे माहौल से गुजर रहा है। एक तरफ तालीबानी लड़ाके एक—एक करके शहरों पर कब्जा जमाते जा रहे है, दूसरी तरफ वहां की सरकार और सेना भागते हुए नजर आ रहे है।
इसी क्रम में तालिबान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पर कब्जा कर लिया है। उसने अभी सिर्फ राजधानी काबुल और अन्य क्षेत्रों को सरकार के हाथों में छोड़ रखा है।
तालिबान के एक प्रवक्ता ने आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त अकाउंट से ट्वीट किया कि कंधार पूरी तरह से जीत लिया गया है। मुजाहिदीन (तालिबान) शहर के शहीद चौक पर पहुंच गए हैं।
इससे पहले गुरुवार को तालिबान ने जो अब देश के लगभग दो-तिहाई हिस्से पर नियंत्रण रखता है। उसने राजधानी से लगभग 150 किलोमीटर दूर कंधार से काबुल मार्ग पर स्थित गजनी पर कब्जा कर लिया। गजनी शहर पर आतंकियों का कब्जा रणनीतिक रूप से अफगान बलों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
यह शहर काबुल-कंधार हाइवे पर स्थित है। यह सड़क काबुल को देश के दक्षिणी प्रांतों से जोड़ती है। इस महत्वपूर्ण मार्ग पर आतंकियों का कब्जा होने से सरकारी बलों के आवागमन के साथ ही रसद और सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
तालिबान का कई प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार तालिबान का कई प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा हो गया है। इस आतंकी संगठन ने ऐसे छह शहरों की जेलों में बंद करीब एक हजार अपराधियों को रिहा कर दिया है। रिहा हुए अपराधियों में कई खूंखार आतंकी भी हैं। ये शहर पहले अफगान सरकार के नियंत्रण में थे।
वहीं अफगानिस्तान में बढ़ती हिंसा और आतंकियों के संघर्ष के बीच अमेरिका और जर्मनी समेत कई देशों ने अपने नागरिकों से तत्काल देश छोड़ने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि तालिबानी समूह ने गुरुवार को सरकार के साथ सत्ता साझा करने से भी इनकार कर दिया।
सरकारी सूत्रों की माने तो अफगान सरकार के वार्ताकारों ने तालिबान को देश में लड़ाई खत्म करने के बदले सत्ता-साझाकरण सौदे की पेशकश की थी। तालिबानी लड़ाके सरकार एवं अन्य देशों के सहयोग से बनाए गए संसाधनों पर कब्जा जमाते जा रहे है।
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