मिडडे मील: विभागीय गलती का खामियाजा भुगत रहे शिक्षक-अभिभावक, खातों से वापस हुई धनराशि

टीम भारतदीप |
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मिड डे मील योजना।
मिड डे मील योजना।

शासन से जब परिषदीय स्कूलों के खातों में मिड डे मील की धनराशि स्थानांतरित हुई तो 85 विद्यालयों के खातों में यह रूपया नहीं पहुंच सका। यह धनराशि वापस लौट गई। इससे उक्त विद्यालयों के बच्चों के अभिभावकों के खातों भी रूपया नहीं पहुंचा।

मथुरा। जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग की कारिस्तानियां अब तो जग जाहिर हो चुकी हैं। अब विभागीय कर्मियों ने एक नया कारनामा कर दिया है। विभागीय लिपिकीय गलती के चलते परिषदीय विद्यालयों के खाते में पहुंचने वाली मिड डे मील की धनराशि खातों में नहीं पहुंच सकी है। यह गलती बैंक खाता संख्या गलत दिए जाने के चलते हुई है। जिला समन्वयक एमडीएम ने खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर खातों को संशोधित कर उपलब्ध कराने की मांग की है।

मथुरा जनपद में परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को अक्षय पात्र संस्था द्वारा मिड डे मील वितरित किया जाता रहा है। कोविड-19 के चलते परिषदीय विद्यालय बंद हो गए तो मिड डे मील का वितरण भी बंद कर दिया गया। इसके चलते यूपी सरकार द्वारा विद्यालयों के माध्यम से सीधे बच्चों के खाते में ही धनराशि भेजने का निर्णय लिया ताकि वह उस राशि से राशन खरीद सकें। आदेश आने के बाद शिक्षा अधिकारियों ने सभी परिषदीय विद्यालयों के मिड डे मील के खाते खुलवाए। मिड डे मील की राशि विद्यालय के खाते ही आनी थी। इसके बाद यह राशि विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में ट्रांसफर होनी थी।

लाॅकडाउन में भी शिक्षकों ने घर-घर जाकर विद्यार्थी का नाम, अभिभावक का नाम एवं अभिभावक के खाते का नंबर लिया। इसके आधार पर ही एमडीएम का रूपया खातों में जाना था। विद्यालयों के मिड डे मील खातों की जानकारी बीआरसी के माध्यम से जिलास्तरीय कार्यालय पर जानी थी। ताकि शासन से आने वाली धनराशि स्कूलों के खाते में पहुंच सके।

शासन से जब परिषदीय स्कूलों के खातों में मिड डे मील की धनराशि स्थानांतरित हुई तो 85 विद्यालयों के खातों में यह रूपया नहीं पहुंच सका। यह धनराशि वापस लौट गई। इससे उक्त विद्यालयों के बच्चों के अभिभावकों के खातों भी रूपया नहीं पहुंचा। इससे अभिभावक विद्यालयों में आकर शिक्षकों से लड़ रहे हैं। शिक्षक इस वजह से काफी परेशान हैं।

बताया जा रहा है कि उक्त विद्यालयों के खाता संख्या, आईएफएससी कोड आदि में कुछ कमियां हैं। इसके चलते ही धनराशि खातों में नहीं आ सकी है। पीड़ित शिक्षकों का कहना है कि उनके द्वारा पासबुक की फोटोकाॅपी दी गई थी। इससे उनके स्तर पर गड़बड़ी होने की संभावना ही नहीं है। यह गड़बड़ी संभवतः बीआरसी के कम्प्यूटर आॅपरेटर द्वारा टाइप करने दौरान हुई है।

वहीं कई विद्यालय ऐसे भी हैं। जिनकी खाता संख्या जनपद पर एकदम सही पहुंची है। इसके बाद भी उन विद्यालयों के खाते में धनराशि नहीं आई है। इस संबंध में शिक्षकों ने जिला समन्वयक एमडीएम से मुलाकात कर आपत्ति दर्ज कराई। जिला समन्वयक एमडीएम अतुल पाठक ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर उक्त विद्यालयों के खातों की जांच कर संशोधित, सही खाता संख्या एवं आईएफएससी कोड उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। ताकि धनराशि पुनः विद्यालयों को भेजी जा सके।


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