फर्जी दस्तावेज से बस्ती में 27 साल से कर रहा था शिक्षक की नौकरी, पकड़ा गया, अब होगी वसूली
बस्ती जिले के बहादुर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलवारी एहतमाली में सहायक अध्यापक पर कार्यरत था। फर्जी शिक्षक ने आजमगढ़ में कार्यरत सहायक अध्यापक के नाम व अभिलेख पर 1994 में नौकरी हासिल कर ली थी।
बस्ती। क्या आपकों विश्वास होगा कि उत्तर प्रदेश में 27 साल तक एक व्यक्ति फर्जी तरीके शिक्षक बनकर नौकरी करता रहा और सरकार से हर माह वेतन लेता रहा और किसी को उसके फर्जी होने का शक नहीं हुआ ।
जी हां यह हकीकत सामने आई है। यूपी के बस्ती जिले से यहां 27 साल तक एक फर्जी शिक्षक नौकरी करता रहा, लेकिन पकड़ा नहीं गया। अब जाकर उसका या खेल पकड़ा गया है। पेरोल मॉड्यूल की मदद से फर्जी शिक्षक का मामला सामने आया है।
बताया गया कि वर्तमान में बस्ती जिले के बहादुर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलवारी एहतमाली में सहायक अध्यापक पर कार्यरत था। फर्जी शिक्षक ने आजमगढ़ में कार्यरत सहायक अध्यापक के नाम व अभिलेख पर 1994 में नौकरी हासिल कर ली थी।
बेसिक शिक्षा विभाग में बढ़ते तकनीकी प्रयोग से फर्जी तरीके से भर्ती हुए शिक्षकों की पोल खुलने का मामला लगातार सामने आ रहा है। पैन वेरिफिकेशन में कई प्रकरण सामने आने के बाद इस बार फर्जी शिक्षक को पैरोल माड्यूल की मदद से ट्रैक किया जा सका है।
वेतन भुगतान के लिए इस मॉड्यूल पर सभी डाटा दर्ज करना शिक्षकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। बीएसए जगदीश शुक्ला ने बताया कि पेरोल मॉडल का डाटा फीडिंग के दौरान 1994 से कार्यरत फर्जी शिक्षक का का मामला सामने आया है।
पुलिस वेरिफिकेशन के साथ जांच कराई गई तो शिक्षक का फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। बस्ती जिले के बहादुर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़वाली में फर्जी शिक्षक सहायक अध्यापक के पद पर तैनात था।
उन्होंने बताया कि आजमगढ़ के शिक्षक के अभिलेख पर उसने नौकरी हासिल कर ली थी। शिक्षक को बर्खास्त करने के साथ- साथ मुकदमा दर्ज किया गया है उससे पूरी सैलरी की रिकवरी की जाएगी। जब से यह मामला सामने आया है तब से शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है कैसे कोई दुसरे के दस्तावेज के सहारे 27 साल तक नौकरी कर सकता है।