शिक्षक और स्टाफ को न बुलाएं स्कूल, केंद्र ने जारी किया आदेश

टीम भारत दीप |
अपडेट हुआ है:

देश में कोरोना से ज्यादा चर्चा का विषय शिक्षकों की तनख्वाह है।
देश में कोरोना से ज्यादा चर्चा का विषय शिक्षकों की तनख्वाह है।

अनलाॅक 2 को लेकर जारी गृह मंत्रालय के आदेश के बाद स्कूल, कालेज व शैक्षणिक संस्थानों को 31 जुलाई तक बंद रखने का आदेश दिया है।

नई दिल्ली। गुरू पूर्णिमा पर गुरू के चरणों में दिखाई देने वाले देश में कोरोना से ज्यादा चर्चा का विषय शिक्षकों की तनख्वाह है। प्राइवेट स्कूल की फीस न देने का झंडा तो पहले से बुलंद है। सरकारी शिक्षकों पर बस नहीं चल रहा लेकिन लाॅकडाउन लागू होने से ही चर्चा चक्रवर्तियों ने इस पर बहस शुरू कर दी थी। 

सोशल मीडिया पर किसी ने शिक्षक की आधी सैलरी कोरोना राहत कोष में देने का सुझाव दिया तो किसी नो वर्क नो सैलरी का ज्ञान बांटा। सेठों के प्राइवेट स्कूल तो कोल्हू के बैल की तरह शिक्षकों को लाॅकडाउन में भी रौंदे रहे। यूपी में एक जुलाई से जब बाकायदा शिक्षकों के स्कूल जाने का आदेश जारी हुआ तब जाकर गुरूपूजकों की जान में जान आई। 

केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 6 जुलाई को जारी अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अनलाॅक 2 को लेकर जारी गृह मंत्रालय के आदेश के बाद स्कूल, कालेज व शैक्षणिक संस्थानों को 31 जुलाई तक बंद रखने का आदेश दिया है। 

इसके अनुपालन में आवश्यक नाॅन टीचिंग स्टाफ व शिक्षकों से वर्क फ्राॅम होम ही कराया जाए। जहां तक संभव हो सके इन्हें स्कूल न बुलाने की बात कही गई है। सचिव अनीता करवल की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिवों को जारी आदेश में दिनांक 29-06-2020 की गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के कड़ाई से अनुपालन की बात कही गई है। 

यूपी में संक्रमित हो रहे शिक्षक
उत्तर प्रदेश में बेसिक स्कूल के संक्रमित मिलने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर सिद्धार्थ नगर के स्कूल के प्रधानाध्यापक का पत्र वायरल हो रहा है जिसमें पूरे स्टाफ के होम क्वारेंटाइन होने की अनुमति मांगी गई है। इटावा में भी तीन महिला शिक्षिकाओं की कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। दिल्ली में के हालातों से सभी वाकिफ हैं। 


संबंधित खबरें