कानपुर के रहमानी मार्केट के सीसीटीवी कैमरे में दिखा आतंकी शकील, दो और संदिग्ध एटीएस ने दबोचे
शकील अंसार गजवातुल हिंद का सब एरिया कमांडर था। कमांडर मिनहाज के बाद उसका ही स्थानीय संगठन में हुकूमत चलती थी। बताते हैं, वह भी मिनहाज व मसीरुद्दीन को कानपुर लाया था। कानपुर में वह असलहों की तलाश में था, लेकिन अब तक उसे यहां से सप्लाई मिली या नहीं, एटीएस इसकी पुष्टि नहीं कर सकी है।
कानपुर। यूपी में पैर पसार रहे आंतकियों के नेटकर्व को ध्वस्त करने में एटीएस के अधिकारी जी जान से जुटे है। जांच पड़ताल में एटीएस को रहमानी मार्केट के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में शकील दिखाई दिया। इससे आशंका है कि वह वहां पर मोबाइल फोन और सिमकार्ड लेने गया होगा।
वहीं, लखनऊ में तीन और आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद कानपुर से भी दो संदिग्धों को एटीएस ने उठाया है।गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शकील अंसार गजवातुल हिंद का सब एरिया कमांडर था। कमांडर मिनहाज के बाद उसका ही स्थानीय संगठन में हुकूमत चलती थी। बताते हैं, वह भी मिनहाज व मसीरुद्दीन को कानपुर लाया था।
कानपुर में वह असलहों की तलाश में था, लेकिन अब तक उसे यहां से सप्लाई मिली या नहीं, एटीएस इसकी पुष्टि नहीं कर सकी है। एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक, शकील का एक वीडियो मिला है, जो रहमानी मार्केट का सीसीटीवी फुटेज बताया जा रहा है।
इधर, लखनऊ में तीन गिरफ्तारियों के बाद एटीएस ने देर शाम कानपुर में भी कार्रवाई की। यहां से दो युवकों को उठाए जाने की बात सामने आ रही है, जिनके नाम लइक और अफाक बताए जा रहे हैं। इन दोनों ने भी पिस्टल, बारूद और प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड दिलाने में आतंकियों की मदद की थी।
एटीएस की सभी यूनिट मिलकर करेंगी काम
आतंकियों के पकड़े जाने के बाद पुलिस मुख्यालय ने एटीएस की सभी इकाइयों को मिलकर काम करने का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि ऐसे समय में छोटी-छोटी सूचनाएं महत्वपूर्ण हो सकती हैं। इन सूचनाओं को तत्काल एक-दूसरे को देने को कहा गया है। लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणासी और इनके आसपास के शहरों में काम कर रही एटीएस इकाइयों को अलर्ट किया गया है।
तीन महिलाओं के नाम आए सामने
एटीएस के हत्थे चढ़े अलकायदा आतंकवादियों से संपर्क वाली जिन तीन महिलाओं का नाम सामने आया है, वह पनकी के गंगागंज गांव में किराये के मकान में रहती थीं। उनकी तलाश में एटीएस की टीम बुधवार को भी गांव पहुंची और ग्रामीणों से बातचीत की।
स्थानीय लोगों ने तीनों संदिग्ध महिलाओं की एक सप्ताह पूर्व तक मौजूदगी की पुष्टि की है। हालांकि, अब तक यह पता नहीं चल सका है कि वह किसके घर में रहती थीं। उधर, एटीएस के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं, जिससे जल्द ही बड़ी कामयाबी मिलने की उम्मीद है।
एटीएस की अब तक की जांच में सामने आया है कि आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन कानपुर की तीन महिलाओं के संपर्क में थे। सर्विलांस के माध्यम से सुरक्षा एजेंसियों ने इन महिलाओं से दोनों आतंकियों की बातचीत की रिकार्डिंग भी सुनी है।
उसे सुबूत के तौर पर सुरक्षित भी किया गया है। एटीएस सूत्रों का दावा है कि इन महिलाओं का इस्तेमाल मानव बम के लिए प्रयोग होने वाले जिहादी का चयन करना और उस जैकेट का इंतजाम करना था, जिसे मानव बम बनने वाला व्यक्ति पहनता है।
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