कांग्रेस के गढ़ में सपाई भर रहे किसानों के समर्थन में हुंकार
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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की बंजर हुई सियासी जमीन पर हल चलाते हुए नहीं दिखाई दिए। आज सपाई यहां किसानों के समर्थन में हुंकार भर रहे हैं।
रायबरेली। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसान आन्दोलन के क्रम में हर रोज जगह-जगह हो रहे प्रदर्षनों के क्रम में देष के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेष में भी रोजाना प्रदर्षनों का क्रम जारी है।
वहीं किसानों आंदोलन के समर्थन में सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में किसानों की मांगों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भले ही पंजाब में प्रदर्शन किया हो लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की बंजर हुई सियासी जमीन पर हल चलाते हुए नहीं दिखाई दिए।
सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में जहां गिने-चुने कांग्रेसी ज्ञापन तक सीमित रहे वहीं आज सपाइ यहां किसानों के समर्थन में हुंकार भर रहे हैं। दरअसल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर जिला मुख्यालयों पर होने वाले प्रदर्शन के क्रम में आज सपा कार्यकर्ता जिला कार्यालय सुपर मार्केट में एकत्रित होकर धरने पर बैठ गए है।
जिला कार्यालय पर सपा कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस ने सुपर मार्केट के दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगाकर यातायात सामान्य रखने की कोशिश की है। रायबरेली में सपा कार्यालय पर पुलिस का पहरा लगा है। सिटी मजिस्ट्रेट युगराज सिंह सीओ सिटी अंजनी चतुर्वेदी सदर कोतवाल अतुल सिंह व एसडीएम सदर अंशिका दीक्षित और पुलिस बल तैनात है।
यहां सपा कार्यालय पर चल रहे धरने में पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र यादव, पूर्व मंत्री मनोज पांडेय सहित पूर्व विधायक राम लाल अकेला व सलोन पूर्व विधायक आशा किशोर और फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल है। सपा कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन से रोकने के लिए शहर के बाहर बैरियर लागये गए है।
सपा कार्यालय में धरने पर बैठे सपाइ सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी कर रहे है और सरकार से नए किसान बिल को वापस करने की माँग कर रहे है। यहां पूर्व मंत्री प्रवक्ता सपा मनोज पांडेय ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 18 दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर कड़ाके की ठंड में सड़क पर पड़ा हुआ है और सरकार अपनी हठधर्मिता के कारण किसानों की आवाज को नही सुन रही है।
उन्होंने कहा कि आज देश मे किसान, मजदूर और नौजवान तीनों पीड़ित है। किसानों को उसके उत्पादन का मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उनके मुताबिक सरकार चाहे जितने दावे करे लेकिन किसानों का धान 9 या 10 रुपये किलो में खरीदा जा रहा है बिचैलिये हावी है। गेहूं का रेट सरकार द्वारा 1900 रुपये है लेकिन गाँवो में किसानों का गेहूँ बिचैलियो 1300 रुपये में खरीद रहा है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार को अपनी जिद छोड़कर किसानों से बात कर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।