महामारी से बेसहारा हुए बच्चों को थाना हरिपर्वत प्रभारी के सहयोग से मिला स्कूल में प्रवेश
थाना प्रभारी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए एक अच्छे स्कूल में प्रवेश दिलाने प्रयास किया। उनका प्रयास जल्द ही रंग लाया गायत्री पब्लिक स्कूल में बच्चों को प्रवेश मिल गया। इतना नही गायत्री पब्लिक स्कूल के प्रबंधक ने 12वीं तक बच्चों की नि:शुल्क पढ़ाई का जिम्मा उठाया।
आगरा। कोरोना वायरस ने कई परिवार को जीवन भर का गम दिया है। ऐसे परिवारों को इस गम से उबरने के लिए कई साल लग जाएंगे। इसी तरह के एक परिवार में कुछ एक माह के अंतराल में तीन लोगों की संक्रमण से मौत होने के बाद घर की बची अकेली महिला अवसाद में चली गई उनका इलाज कराया जा रहा है।
उसके दो बच्चों के सामने पढ़ाई लिखाई का संकट आ गया है। ऐसे में बच्चों के फूफा ने आगे बढ़कर उनका जीवन संवारने के लिए अपने घर ले आए,लेकिन किसी अच्छे स्कूल में प्रवेश नहीं मिल रहा था। इसके बाद उन्होंने थाना हरिपर्वत प्रभारी अरविंद सिंह से मिलकर समस्या बताई।
थाना हरिपर्वत प्रभारी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए एक अच्छे स्कूल में प्रवेश दिलाने प्रयास किया। उनका प्रयास जल्द ही रंग लाया गायत्री पब्लिक स्कूल में बच्चों को प्रवेश मिल गया। इतना नही गायत्री पब्लिक स्कूल के प्रबंधक ने 12वीं तक बच्चों की नि:शुल्क पढ़ाई का जिम्मा उठाया।
फतेहाबाद के रहने वाले एक परिवार पर कोरोना वायरस का ऐसा ग्रहण लगा कि कुछ माह में ही तीन लोगों की मौत से परिवार के सामने आर्थिक संकट आ गया। सबसे घर के वृद्ध दादा रघुनंदन प्रसाद और दादी नीरा प्रसाद की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई।
परिवार गम से उबर भी नहीं पाया था कि घर के मुखिया राजन प्रसाद का निधन हो गया। इसके बाद परिवार में केवल राजन की पत्नी रजनी बची है जो एक गृहणी है और दो छोटे बच्चे है। तीन लोगों की मौत के बाद बच्चों के सामने पढ़ाई-लिखाई का संकट आ गया।
बच्चों को सहारा देने फूफा आगे आए
परिवार में जब कोई कमाने वाला नहीं बचा और घर की मालकिन भी अवसाद में चल रही है। ऐसे में बच्चों का भविष्य संवारने के लिए फूफा संजय कुमार आगे आए और बच्चों को अपने पास रखने के लिए लेकर आ गए।
बच्चों का किसी अच्छे स्कूल में एडमिशन नहीं होने के कारण काफी परेशान हुए। इसके बाद उन्होने थाना हरिपर्वत प्रभारी अरविंद सिंह से संपर्क करके सारी समस्या बताई। थाना प्रभारी के अनुरोध पर गायत्री पब्लिक स्कूल द्वारा इन बच्चों के नि:शुल्क शिक्षा की जिम्मेदारी ली गई।
गायत्री पब्लिक स्कूल के प्रबंधक प्रदुमन चतुर्वेदी का कहना है कि इस महामारी में प्रत्येक स्कूलों को ऐसे परिवारों के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए, तकि किसी भी बच्चे की पढ़ाई -लिखाई पैसे की वजह से बीच में न रूके। गायत्री पब्लिक स्कूल के प्रबंधक की इस पहल का थाना हरिपर्वत प्रभारी ने अपनी और आगरा पुलिस की तरफ से धन्यवाद दिया।