RBI के नियमों का दिखा असर:लाखों करेंट अकाउंट्स बंद, बैंक ने यूं दी ग्राहकों को जानकारी

टीम भारत दीप |

बैंकों ने ग्राहकों को  31 जुलाई तक का समय दिया था।
बैंकों ने ग्राहकों को 31 जुलाई तक का समय दिया था।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों का पालन न करने पर देश भर के बैंकों ने लाखों करेंट अकाउंट्स को बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह अकाउंट छोटे व्यापारियों के हैं, जिन्होंने रिजर्व बैंक के नियमों का पालन नहीं किया है। वहीं अब बैंकों ने ईमेल भेज कर ग्राहकों को इसकी जानकारी दी है।

नई दिल्ली। बीते साल RBI द्वारा लागू नियमों को अब असर साफ दिखने लगा है। ​इन नियमों का पालन न करने वालों को कार्रवाई भी की जा रही है। जिसके तहत लाखों करेंट अकाउंट्स बंद कर दिए गए हैं। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों का पालन न करने पर देश भर के बैंकों ने लाखों करेंट अकाउंट्स को बंद कर दिया है।

बताया जा रहा है कि यह अकाउंट छोटे व्यापारियों के हैं, जिन्होंने रिजर्व बैंक के नियमों का पालन नहीं किया है।

वहीं अब बैंकों ने ईमेल भेज कर ग्राहकों को इसकी जानकारी दी है। मिली जानकारी के मुताबिक बैंकों ने ग्राहकों को भेजे गए ईमेल में बताया है कि RBI के निर्देशों के मद्देनजर हमारी सलाह है कि यदि आप ब्रांच के साथ अपने कैश क्रेडिट-ओवरड्राफ्ट (OD) खाते को जारी रख सकते हैं, तो आपके करेंट अकाउंट को बंद करना होगा।

जानकारी के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक ने अपने एक खाता धारक को भेजे पत्र में बताया कि अब कैश क्रेडिट (CC) और OD सुविधा का लाभ एक साथ नहीं उठाया जा सकता है। इसलिए 30 दिनों के भीतर आप अपने बैंक अकाउंट को बंद करें। बताया गया कि पत्र में RBI के नियमों का हवाला देते हुए बैंक ने कहा है कि उसे ऐसा अकाउंट खोलने की इजाजत नहीं है, जिसमें खाताधारक ने पहले ही लोन ले रखा हो।

बताते चलें कि SBI अकेला ऐसा बैंक ने जिसने 60 हजार से अधिक करेंट अकाउंट्स को बंद कर दिया है। बताया गया कि इसने इन खाताधारकों को कई बार इस संबंध में पत्र भेजा था।

RBI ने बीते साल किया था ये नियम लागू

गौरतलब है कि बीते साल अगस्त माह में RBI ने करेंट अकाउंट को खोलने के संबंध में नया नियम लागू किया था। इस नियम के अनुसार करेंट अकाउंट किसी भी खाताधारक का उसी बैंक में हो सकता है, जिसमें उसकी कुल उधारी का कम से कम 10% लोन हो। बताया गया कि बैंकों ने ग्राहकों को इस नियम को पूरा करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया था।

जिसके बाद बैंकों ने आश्वयक कार्रवाई शुरू कर दी। बताया गया कि इस नियम के पीछे का उद्देश्य यह कि ग्राहक करेंट अकाउंट में अनुशासन रखे और उसके पैसों पर नजर रखी जा सके। इसके साथ ही उसके कैश फ्लो का भी इससे पता चलेगा।

बताया गया कि रिजर्व बैंक की नजर में यह सामने आया था कि काफी सारे करेंट अकाउंट्स से पैसों को इधर- उधर किया जाता है और इसके लिए ढेर सारे करेंट अकाउंट अलग-अलग बैंकों में खोल लिए जाते हैं। RBI के मुताबिक इससे क्रेडिट अनुशासन बना रहेगा। वहीं एक बैंक के अधिकारी के मुताबिक इस नए नियम के आने से हमें हजारों खातों को बंद करना पड़ा है।

बताया गया कि यह सभी खाते खासकर छोटे व्यापारियों के हैं। बताया जा रहा है कि पूरी बैंकिंग इंडस्ट्री में इस तरह के बंद खातों की संख्या लाखों में हो सकती है। ऐसे में इस तरह के खाताधारकों के सामने एक चुनौती भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंकों के इस कदम के बाद काफी सारे खाताधारकों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी दिक्कतों को साझा किया है।

जिसमें एक ग्राहक ने निजी सेक्टर के एक बैंक के इस कदम पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से सोशल मीडिया पर अपील की है। जिसमें कहा गया है कि "मैडम, हम आपकी मदद चाहते हैं। मेरा MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम) अकाउंट बैंक ने बंद कर दिया है। इसके लिए बैंक ने हमें कोई सूचना नहीं दी है।" इस खाताधारक के मुताबिक उसके कुल 4 करेंट अकाउंट हैं।

इनमें 3 खाते बंद कर दिया गए हैं। इसी तरह दूसरा मामला भी सामने आया है। इसमें बैंक खाता धारक ने सोशल मीडिया पर कहा है कि उसे HDFC बैंक के अकाउंट को चलाने में दिक्कत आ रही है। उसके मुताबिक उसका OD अकाउंट बैंक ऑफ महाराष्ट्र में है। इसी प्रकार से कई सारे ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर बैंकों की इस कार्रवाई को बताया है। वही RBI के मुताबिक जिनके पास OD की सुविधा है।

उनका केवल एक ही करेंट अकाउंट रहेगा। इधर बैंकर्स के मुताबिक जो भी ग्राहक ये बात कह रहे हैं। उनको इसके लिए पूरा समय दिया गया था। बताया गया कि RBI के नियमों के मुताबिक उन्हें समय दिया गया और साथ ही उनको नियम भी बताया गया है। बताया गया कि ग्राहको को इस बाबत कई बार पत्र भी भेजा गया है।

लेकिन काफी सारे ग्राहकों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और वे अंतिम समय उदासीन बने रहे।
 


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