किसान ने विरोध का ऐसा तरीका अपनाया जिसे देख अधिकारी शर्म करने को हो जाएं मजबूर
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रामपुर में धान की खेती करने वाले किसान ने उचित मूल्य नहीं मिलने पर धान की फसल को मुफ्त में काटकर ले जाने के लिए लोगों के कह दिया, देखते ही देखते 6 एकड़ की फसल आसपास के किसान अच्छे बीज के लिए काट ले गए ।
रामपुर। अपनी मांग को मनवाने के लिए लोग तरह-तरह का आंदोलन करते है। सरकार को विवश कर देते है, रामपुर के एक किसान ने अनोखा तरीका अपनाया जिसे देख सरकरी अफसरों को शर्म आ जाए ।
दरअसल रामपुर में धान की खेती करने वाले किसान ने उचित मूल्य नहीं मिलने पर धान की फसल को मुफ्त में काटकर ले जाने के लिए लोगों के कह दिया, देखते ही देखते 6 एकड़ की फसल आसपास के किसान अच्छे बीज के लिए काट ले गए ।
धान की उन्नत किस्मों में शामिल पीआर-126 धान को की कीमत न मिलने और इस श्रेणी के धान को सरकारी केंद्रों पर नहीं खरीदे जाने से नाराज किसान ने खेत से फसल को नि:शुल्क काटकर ले जाने की खुली छूट दे दी।
कुछ ही देर में आसपास के ग्रामीण साढ़े छह एकड़ के खेत से धान काटकर ले गए। सरकार की नीतियों के खिलाफ किसान के विरोध का तरीका इलाके में चर्चा का विषय बना है।
मालूम हो कि महीन चावल देने वाले पीआर-126 श्रेणी के धान की स्वार व जिले के कई भागों में बड़े स्तर पर खेती होती है। बाजार में औसतन इसका मूल्य दो हजार रुपये प्रति क्विंटल है। आढ़ती या मिलर यह भाव देने को तैयार नहीं हो रहे थे।
सरकारी केंद्रों पर धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विंटल तय है लेकिन सरकारी केंद्रों पर पीआर-126 समेत उच्च गुणवत्ता के चावलों वाले धान की किस्में नहीं खरीदी जातीं।
किसानों के अनुरोध पर डीएम ने रामपुर में अच्छी गुणवत्ता वाले धान को सही कीमत दिलाने के लिए शासन को चिट्ठी भी भेजी थी लेकिन उसका सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया।
सरकारी केंद्रों पर पीआर-126 श्रेणी के धान को न खरीदने और खुले बाजार में अच्छा मूल्य न मिलने से नाराज स्वार तहसील क्षेत्र के गांव नबीगंज निवासी युवा किसान मनिंदर सिंह ने मुफ्त में धान की फसल काटकर ले जाने की छूट का एलान कर दिया।
मनिंदर सिंह ने बताया कि साढ़े छह एकड़ में फैली धान की पूरी फसल ग्रामीण काटकर घर ले गए। मनिंदर सिंह के मुताबिक बाजार में इसकी कीमत 1200 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा नहीं मिल रही, सरकारी केंद्रों पर खरीद के लिए धान की यह किस्म (पीआर-126) मान्य नहीं है।