आगरा में कूड़े से बिजली बनाने का देश में लगेगा अपने तरह का पहला प्लांट

टीम भारत दीप |

इसमें सूखा और गीला दोनों तरह का मिक्स कचरा इस्तेमाल किया जाएगा।
इसमें सूखा और गीला दोनों तरह का मिक्स कचरा इस्तेमाल किया जाएगा।

आगरा नगर निगम के कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े से बिजली बनाने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि कूड़े का निपटारा करना पर्यावरण के लिए बेहद जरूरी है, इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि नीरी ने जो सुझाव दिए हैं। उसका पूरी तरह से पालन किया जाए।

आगरा। ताजनगरी आगरा को आने वाले समय में कचरे- कूड़े के निस्तारण से मुक्ति मिल जाएगी। मालूम हो कि इस समय देश के सामने कचरा निस्तारण सबसे मुश्किल काम है।

इस दिशा में आगरा नगर निगम ने एक अहम फैसला लेते हुए एक ऐसे पावर प्लांट लेने का निर्णया है, जिसके जरिउ शहर से निकले वाले कूड़े -कचरे का निस्तारण भी हो जाएगा बदले में स्वच्छ बिजली भी लोगों को मिलेगी। गत दिवस सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आगरा नगर निगम के कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े से बिजली बनाने की अनुमति दे दी है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि कूड़े का निपटारा करना पर्यावरण के लिए बेहद जरूरी है, इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि नीरी ने जो सुझाव दिए हैं। उसका पूरी तरह से पालन किया जाए।

दिल्ली में कचरे से बनती है बिजली

मालूम हो कि इस कचरे से बिजली बनाने का काम इससे पहले केजरीवाल सराकर कर रही है। दिल्ली में गाजीपुर बार्डर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 27 अक्टूबर 2020 को कचरे से बिजली बनाने के प्लांट का उदघाटन किया था। इस प्लांट में 15 टन कूड़े से 1500 यूनिट बिजली बनेगी।

यह प्लांट भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की निसर्गुरुणा तकनीक पर बनाया गया है। प्लांट को 4ण्20 करोड़ रुपये की लागत से  तैयार किया गया है। इसमें 15 टन कचरे से रोजाना 1500 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इस बिजली से मंडी रोशन होगी। बची हुई बिजली को बेचा जाएगा।

बता दें कि अक्तूबर 2017 में चेक रिपब्लिक की एक कंपनी स्पार्क ब्रेसन ने ताज ट्रिपोजियम जोन टीटीजेड में कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट के लिए पैरवी की थी।

कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी यह प्लांट कुबेरपुर में ही लगाएगी, सुप्रीम कोर्ट में आगरा नगर निगम की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नेशनल एनवायरमेंट एंड इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट नीरी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने प्लांट को लेकर मंजूरी दे दी है।

550 मीट्रिक टन कचरे से बनेगी 10 मेगावाट बिजली

बता दें कि कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर 175 करोड़ रुपये की लागत से प्लांट लगाया जाएगा, इसमें नगर निगम का कोई पैसा खर्च नहीं होगा, कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि कूड़े से बिजली बनाकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को बेचा जाएगा।

इस दौरान रोज 550 मीट्रिक टन कचरे से 10 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी। बाद में इस प्लांट की क्षमता बढ़ाकर 750 मीट्रिक टन की जा सकती है। तब 15 मेगावाट तक बिजली बनाई जा सकेगी। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अपनी तरह का यह पहला प्लांट है।

सूखे -गीले कचरे से बिजली बनाने वाले देश का पहला प्लांट

स्पार्क ब्रेसन के अधिकारियों ने कहा कि पूरे देश में ही यह एकमात्र ऐसा प्लांट होगा, क्योंकि अन्य शहरों में केवल सूखे कचरे से ही बिजली बनाने के प्लांट लगे हैं। जबकि इसमें सूखा और गीला दोनों तरह का मिक्स कचरा इस्तेमाल किया जाएगा।

140 टीपीडी प्लांट को भी मिली मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट को अनुमति दी है, इसके अलावा नगर निगम का सी एंड डी वेस्ट से ईंट, भराव के लिए मिट्टी निकालने और टाइल्स तैयार करने के 140 टीपीडी प्लांट को भी सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।

इन दोनों प्लांट के बनने के बाद शहर में हर दिन निकल रहे 750 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण हो पाएगा और कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े के पहाड़ नजर ही नहीं आएंगे।


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